पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिपिक संवर्ग में बहाली के लिए गत पांच फरवरी को आयोजित परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले की सीबीआइ या फिर किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की है. पटना स्थित अपने आवास पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सुशील ने कहा कि हमारा मानना है कि बीएसएससी प्रश्न पत्र लीक मामले की जांच कर रही विशेष जांच टीम इसकी निष्पक्ष जांच नहीं कर सकेगी इसलिए इसकी जांच सीबीआई अथवा किसी स्वतंत्र एजेंसी से करायी जाए. उन्होंने पूछा कि जब व्यापमं घोटाले की जांच सीबीआइ कर सकती है तो पर्चा लीक मामले की उससे क्यों नहीं करायी जा सकती है?
उल्लेखनीय है कि बीएसएससी प्रश्न पत्र लीक होने की बात उजागर होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस महानिदेशक पी के ठाकुर की रिपोर्ट और मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अनुशंसा पर गत 8 फरवरी को इस परीक्षा को रद्द किये जाने की घोषणा की थी. बिहार विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को चाहिए कि परीक्षा अवधि के दौरान इंटरनेट को अवरुद्ध करवा दे. ऐसा कुछ राज्यों में किया गया है. उन्होंने गत 29 जनवरी को पहले चरण की परीक्षा में पर्चा लीक की अफवाह फैलाने पर आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार ने गृह सचिव और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर गत 5 फरवरी की परीक्षा के दौरान इंटरनेट सेवा को स्थगित करने का सुझाव दिये जाने का दावा करते हुए पूछा कि क्या एसआईटी गृह सचिव और मुख्य सचिव से पूछताछ कर सकेगी? सुशील ने पूछा कि क्या इस मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी इस सिलसिले में गिरफ्तार बीएसएससी के सचिव परमेश्वर राम के राजनीतिक सांठगांठ की जांच कर सकेंगे.