छह माह में अवैध कब्जे से मुक्त होगी सैकड़ों एकड़ जमीन

भवन निर्माण विभाग की रणनीित पटना में ही है लगभग दो हजार एकड़ जमीन पटना : भवन निर्माण विभाग पूरे राज्य में अपने अवैध कब्जे वाली सैकड़ों एकड़ जमीन को खाली करायेगा. इसके लिए डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. यह प्रक्रिया छह माह में पूरी होगी. सभी जिले के जिलाधिकारियों से नक्शा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 15, 2017 7:38 AM
भवन निर्माण विभाग की रणनीित
पटना में ही है लगभग दो हजार एकड़ जमीन
पटना : भवन निर्माण विभाग पूरे राज्य में अपने अवैध कब्जे वाली सैकड़ों एकड़ जमीन को खाली करायेगा. इसके लिए डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. यह प्रक्रिया छह माह में पूरी होगी. सभी जिले के जिलाधिकारियों से नक्शा की कॉपी के साथ जमीन का पूरा ब्योरा उपलब्ध कराने को कहा गया है.
विभाग अपनी ओर से जमीन के आंकड़े जुटाने में लगी है कि कितनी जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. जानकारों के अनुसार विभाग के द्वारा अपनी जमीन पर निर्माण को लेकर होनेवाली परेशानी को देखते हुए यह कदम उठाया जा रहा है. विभाग को अक्सर इस बात की शिकायत मिलती है कि सरकारी जमीन पर जब भी किसी तरह का निर्माण शुरू होता है तो उसमें अड़ंगा लगाने का प्रयास किया जाता है. इसलिए विभाग अपनी जमीन की तहकीकात कर अपने कब्जे में लेकर निर्माण की कार्रवाई शुरू करेगी. इसके तहत सबसे पहले जमीन की घेराबंदी कर निर्माण कार्य शुरू होगा. विभागीय सूत्रों ने बताया कि विधायक आवास निर्माण के लिए जो जमीन चिह्नित की गयी, उसमें एक जनहित याचिका दायर हुई थी. इससे आवास निर्माण का काम बाधित हुआ था. विभाग को अपनी जमीन को ही अपना बताने के लिए कोलकाता से अभिलेख मंगा कर प्रमाण प्रस्तुत करना पड़ा था. इस पचड़े से बचने के लिए विभाग अपनी सारी जमीन खंगालने में लग गया है.
डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू विभागीय जमीन के डिजिटाइजेशन को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गयी है. इसमें एनआइसी का सहयोग लिया जा रहा है. इसके अलावा अन्य सरकारी एजेंसियों की मदद लेकर यह काम पूरा होगा. जमीन के डिजिटाइजेशन का काम छह माह में पूरा कर लिया जायेगा.
जानकारों के अनुसार पटना में विभाग की लगभग दो हजार एकड़ जमीन है. इसमें से कुछ पर आवास बना हुआ है. कुछ जमीन खाली है. विभाग को इस बात की आशंका है कि खाली जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया गया है. जमीन के डिजिटाइजेशन के बाद यह स्पष्ट हो जायेगा कि कौन सी जमीन पर अवैध कब्जा है.

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