पानी जांच की 76 प्रयोगशाला पर खर्च होंगे 22 करोड़ रुपये

पटना : ग्रामीण इलाके में पानी की गुणवत्ता की जांच पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रयोगशाला बनेगी. राज्य में पानी की गुणवत्ता जांच के लिए 76 नयी प्रयोगशाला स्थापित होंगी. इस पर लगभग 22 करोड़ खर्च होंगे. सरकार के सात निश्चयों के तहत हर घर नल का जल योजना में पाइप से सभी घरों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 21, 2017 7:38 AM
पटना : ग्रामीण इलाके में पानी की गुणवत्ता की जांच पर विशेष ध्यान देने के लिए प्रयोगशाला बनेगी. राज्य में पानी की गुणवत्ता जांच के लिए 76 नयी प्रयोगशाला स्थापित होंगी. इस पर लगभग 22 करोड़ खर्च होंगे. सरकार के सात निश्चयों के तहत हर घर नल का जल योजना में पाइप से सभी घरों में पानी पहुंचाना है.
दूषित पानी प्रभावित इलाके में ट्रीटमेंट प्लांट लगा कर पानी को शुद्ध कर घरों में पाइप से पानी पहुंचाना है. पानी की गुणवत्ता की जांच समय-समय पर जरूरी है. इसके लिए पानी जांच प्रयोगशाला पीएचइडी के विभागीय अनुमंडल में स्थापित की जायेंगी. स्थापित होनेवाली नयी जांच प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर की संस्था एनएबीएल से मान्यता दिलायी जायेगी. इसके लिए एजेंसी का चयन होगा. जांच प्रयोगशाला स्थापित होने में सात से आठ माह लगेंगे. अभी केवल पटना में एनएबीएल से मान्यता प्राप्त राज्य स्तरीय रेफरल लैब है. विभाग द्वारा जिले में स्थापित जांच प्रयोगशाला को विकसित करने की तैयारी चल रही है.
साल में दो बार पानी की गुणवत्ता की जांच करायी जायेगी. सार्वजनिक जगहों पर उपलब्ध कराये जानेवाले पानी की जांच माॅनसून शुरू होने से पहले होगी. माॅनसून खत्म होने के बाद पुन: पानी की जांच होगी. प्रयोगशाला में पानी की जांच के बाद आनेवाले परिणाम की जानकारी सार्वजनिक तौर पर लोगों को दी जायेगी. राज्य मेंहर जिले में पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए प्रयोगशाला स्थापित है.
प्रयोगशाला के सुदृढ़ीकरण करने की तैयारी चल रही है.
इसके अलावा लोक स्वास्थ्य अनुमंडल में भी पानी जांच प्रयोगशाला स्थापित होगी. जांच प्रयोगशाला को राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला एनएबीएल से मान्यता दिलायी जायेगी. विभाग के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि प्रयोगशाला स्थापित करनेवाली एजेंसी ही अपने स्तर से जांच प्रयोगशाला में कर्मियों की व्यवस्था करेगी. एजेंसी द्वारा पांच साल तक प्रयोगशाला का मेंटेन होगा.

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