अब भी चल रही हैं इस क्षेत्र में कई दुकानें
पटना : आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक उपयोग का मामला पुराना है. नगर निगम को इस तरह के निर्माण और संचालन पर भी रोक लगाने के लिए हाइकोर्ट का निर्देश है. बावजूद इसके शहर के ऐसे दर्जनों क्षेत्र हैं, जहां किसी तरह का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जाना है. बोरिंग रोड क्षेत्र के श्रीकृष्णापुरी में चल […]
पटना : आवासीय क्षेत्र में व्यावसायिक उपयोग का मामला पुराना है. नगर निगम को इस तरह के निर्माण और संचालन पर भी रोक लगाने के लिए हाइकोर्ट का निर्देश है. बावजूद इसके शहर के ऐसे दर्जनों क्षेत्र हैं, जहां किसी तरह का व्यावसायिक उपयोग नहीं किया जाना है.
बोरिंग रोड क्षेत्र के श्रीकृष्णापुरी में चल रहे एचडीएफसी बिल्डिंग को नगर निगम ने इसलिए सील कर दिया था कि पीआरडीए की भूमि का आवंटन आवासीय उपयोग के लिए किया जाना था और आवंटी ने इसका उपयोग व्यावसायिक रूप से किया था. भले ही नगर निगम ने दो वर्ष चले मामले में एक उदाहरण पेश किया है, लेकिन इस क्षेत्र में अभी भी दर्जनों आवास हैं, जिनका उपयोग व्यावसायिक किराना दुकान, फास्टफुड दुकान से लेकर मोबाइल दुकान आदि के रूप में हो रहा है.
उपलब्ध नक्शा फर्जी : सुनवाई में पाया गया था कि अभियंत्रण जांच दल को उपलब्ध कराया गया नक्शा फर्जी है. स्वीकृत नक्शा बी प्लस जी प्लस 6 की जगह बी प्लस जी प्लस 7 का निर्माण हो रहा है. लीज डीड के अनुसार उक्त भूखंड आवासीय है, लेकिन उसका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्य के लिए हो रहा है.
उक्त भूखंड की प्रथम मूल स्वीकृति पहली अगस्त 1980 को हुई. इसमें भवन जी प्लस एक तल्ले के लिए स्वीकृत थी. स्वीकृत नक्शे का नवीकरण पहली अगस्त, 1983 से 31 जुलाई 1985 तक के लिए किया गया.
लीज डीड की शर्त के अनुसार भूखंड आवासीय उपयोग के लिए दिया गया था, जिसका उल्लंघन करते हुए फर्जी नक्शा स्वीकृत कराने का प्रयास किया गया.
कोर्ट के आदेश के बाद चला था अभियान, फिर सुस्त पड़ गया मामला : हाइकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम ने श्रीकृष्णापुरी में अभियान चलाया था. इलाके में दो घंटे की कार्रवाई होती रही. बोरिंग रोड चौराहा के पास एक दुकान को निगम ने ताला लगाया गया. फिर कार्रवाई रुक गयी. अभी श्रीकृष्णापुरी में बड़ी दुकानें कोचिंग, संस्थान से लेकर छोटे शाॅपिंग माॅलनुमा इमारतें खड़ी हो गयी हैं. कोर्ट के आदेश के विपरीत निगम ने इसके बाद फिर कभी अभियान नहीं चलाया.
क्या था एचडीएफसी का मामला
एसकेपुरी स्थित चिल्ड्रेंस पार्क के सामने आवंटित भूखंड 165 बी (एचडीएफसी बैंक) को नगर निगम अपने कब्जे में ले चुका है. उक्त भूखंड पर चल रहे विजिलेंस केस की सुनवाई करते हुए नगर आयुक्त ने आदेश जारी किया था. आदेश में कहा गया था कि लीज की डीड की शर्तों का उल्लंघन करते हुए व्यावसायिक भवन निर्माण हुआ है. बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 488 के तहत नक्शे की स्वीकृति वापस ली गयी. उक्त भूखंड पर बी प्लस जी प्लस सात बहुमंजिली अर्धनिर्मित सह निर्माणाधीन संरचना को अवैध घोषित किया गया.
और जगहों पर है ऐसा मामला: नगर निगम और पीआरडीए के भूमि आवंटन को लेकर लगातार विवाद चलता रहा है. श्रीकृष्णापुरी के अलावा कंकड़बाग हाउसिंग कॉलोनी, राजेंद्र नगर में आवासीय भूमि का उपयोग व्यावसायिक रूप में किया जा रहा है.