पटना : बिहारमें पटनाशहर के जाने-माने स्वर्ण व्यवसायी संजय कुमार उर्फ मोहन बाबू के पांच ठिकानों पर आयकर विभाग ने दबिश दी. उनके डाकबंगला स्थित मोहन अलंकार, गीतांजलि व डी-डमॉस के शोरूम के अलावा पी एंड एम मॉल और बाकरगंज स्थित दो अन्य शोरूम में आयकर की अलग-अलग टीमों ने एक साथ सर्वे किया. इस दौरान उनके बैंक खातों, वैट जमा करने, नकली हॉलमार्क समेत अन्य कई स्तर पर व्यापक गड़बड़ी मिली. अब तक की जांच में करीब पांच करोड़ रुपये की गड़बड़ी सामने आ चुकी है.
हालांकि, अभी जांच चल रही है. व्यवसायी के सीए ने आयकर विभाग से इन सभी बैंक खातों में जमा रुपये को सही साबित करने के लिए तीन दिनों का समय मांगा है, जिसे आयकर विभाग ने दे दिया है. अगर इस अवधि में बुक ऑफ एकाउंट में पायी गयी तमाम गड़बड़ी को व्यवसायी सही नहीं साबित कर पाया, तो उसके खिलाफ 300प्रतिशत तक पेनाल्टी या कई खातों की जब्त करने तक की कार्रवाई की जा सकती है.
दो साल से नहीं जमा किया वैट
जांच में यह बात भी सामने आयी है कि व्यवसायी ग्राहकों से तो वैट के नाम पर रुपये ले लेता है, लेकिन वह उचित वैट सरकार के पास जमा नहीं करता है. पिछले दो साल से वैट जमा करने में बड़े स्तर पर गड़बड़ी मिली है, जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है. इस मामले में वाणिज्यकर विभाग भी कार्रवाई कर सकता है.
गलत हॉलमार्क के भी मिले प्रमाण गहनों की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि गलत तरीके से हॉलमार्क लगा कर इन्हें बेचा जा रहा था. एक गहने पर 18 और 22 दोनों कैरेट के मार्क लगाये गये थे. इतना ही नहीं, कई ज्वेलरी में डुप्लीकेट हॉलमार्क भी लगा कर बेचने की बात सामने आयी है. इसकी भी जांच चल रही है.
आयकर की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि नोटबंदी की घोषणा के बाद इस स्वर्ण व्यवसायी ने छह-सात बैंक खातों में करोड़ों रुपये जमा किये हैं. ये तमाम रुपये पुराने करेंसी में बताये जाते हैं. फिलहाल वह इसका हिसाब भी आयकर विभाग को देने नाकाम रहा है. शुरुआती जांच में करीब चार करोड़ रुपये अवैध रूप से बैंक खातों में जमा करने की बात सामने आयी है. इसके अलावा स्टॉक रजिस्टर में भी काफी गड़बड़ी मिली है.
यहां हुआ आयकर सर्वे
डाकबंगला चौक : मोहन अलंकार, गीतांजलि, डी-डमाॅस
पी एंड एम मॉल और बाकरगंज स्थित शोरूम
व्यवसायी के सीए ने बैंक खातों में जमा रािश को सही सािबत करने के िलए मांगा तीन िदनों का समय
गलत हॉलमार्क के भी मिले प्रमाण
दो साल से वैट जमा करने में भी मिली काफी गड़बड़ी