बजट सत्र : आसन ने विपक्ष के नेता से पूछा, बीएसएससी मामले में मंत्रियों के नाम मालूम हैं, तो बताएं
आसन ने विपक्ष के नेता से पूछा, बीएसएससी मामले में मंत्रियों के नाम मालूम हैं, तो बताएं विधानसभा अध्यक्ष के अाग्रह को ठुकरा विपक्षी सदस्य पहुंचे वेल में, हंगामा पटना : बिहार विधानसभा में सोमवार को विपक्ष द्वारा बीएसएससी परचा लीक मामले में शामिल मंत्रियों व विधायकों को बरखास्त करने की मांग पर हंगामा किया […]
आसन ने विपक्ष के नेता से पूछा, बीएसएससी मामले में मंत्रियों के नाम मालूम हैं, तो बताएं
विधानसभा अध्यक्ष के अाग्रह को ठुकरा विपक्षी सदस्य पहुंचे वेल में, हंगामा
पटना : बिहार विधानसभा में सोमवार को विपक्ष द्वारा बीएसएससी परचा लीक मामले में शामिल मंत्रियों व विधायकों को बरखास्त करने की मांग पर हंगामा किया गया. विपक्ष के सदस्य वेल में आ गये. विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार ने आरोप लगाया कि इस मामले में नौ मंत्रियों व 27 विधायकों के नाम शामिल हैं. इन्हें बरखास्त किया जाये. इस पर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्ष के नेता डॉ प्रेम कुमार से पूछा कि आपको मालूम है कि इस मामले में किन मंत्रियों के नाम शामिल हैं? नाम मालूम है तो उनका नाम बताएं.
अगर आपको समाचार पत्र में छपी खबरों पर भरोसा है, तो रोज उसकी प्रगति रिपोर्ट भी छप रही है. उसको भी देख लीजिए. लेकिन, डॉ प्रेम कुमार द्वारा किसी भी मंत्री का नाम नहीं बताया गया. विपक्ष की मांग पर संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि सेना का प्रश्नपत्र लीक हुआ है. इस पर विपक्ष के नेता क्या कहेंगे.
विधानसभा के बजट सत्र का दूसरा दिन हंगामे से शुरू हुआ. विपक्ष के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी की और प्ले कार्ड दिखाते रहे. शून्यकाल में रिपोर्टर टेबल पलट दिया गया. विपक्ष के नेता से बार-बार अनुरोध करने के बाद भी जब विपक्ष के सदस्य नहीं माने तो विधानसभा अध्यक्ष द्वारा शून्यकाल के दौरान सदन की कार्यवाही दो बजे दिन तक के लिए स्थगित कर दी गयी. इधर, हंगामे के बीच सदन में प्रश्नकाल की कार्यवाही चलती रही.
विपक्षी सदस्यों द्वारा वेल में प्ले कार्ड का प्रदर्शन किया जाता रहा. आसन की ओर से बार-बार इसको लेकर मना किया गया. विपक्ष के सदस्य वेल से टस से मस नहीं हुए, तो सदन की कार्यवाही को स्थगित करने की घोषणा की गयी. विपक्ष के नेता संजय सरावगी, अरुण कुमार सिन्हा, ललन पासवान, विद्यासागर केसरी, विजय कुमार खेमका, संजीव चौरसिया, केदार गुप्ता और नितिन नवीन द्वारा बीएसएससी परचा लीक मामले में कार्यस्थगन प्रस्ताव दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इसे अमान्य कर दिया गया.
भोजनावकाश से पहले मात्र 16 मिनट तक चली विधान परिषद
पटना. सोमवार को विधान परिषद में भोजनावकाश से पहले मात्र 16 मिनट सदन की कार्यवाही चली. विपक्ष द्वारा कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराये जाने की मांग पर हुए हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित करनी पड़ी. विपक्ष के सदस्य तीनों बार वेल में पहुंच कर बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में नियुक्ति मामले में घोटाले के आरोपी पूर्व कुलपति मेवालाल चौधरी व दुष्कर्म के आरोपी कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय की गिरफ्तारी की मांग करते हुए सरकार विरोधी नारे लगाये. सदन की कार्यवाही दोपहर बारह बजे शुरू हुई. विपक्ष के लाल बाबू प्रसाद कार्य स्थगन प्रस्ताव पर बहस कराने की मांग करने लगे.
उपसभापति हारूण रशीद ने विपक्षी सदस्यों से अपने आसन पर बैठने का अाग्रह करते हुए शून्यकाल में चर्चा कराये जाने की बात कही. उपसभापति ने नियमावली का हवाला देते हुए कार्य स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया. इस पर विपक्ष के सदस्य वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे. राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान सत्ता व विपक्ष के सदस्यों में जम कर नोंक-झोंक हुई. चर्चा के दौरान नीरज कुमार ने कहा कि राज्य में शराबबंदी से अपराध में कमी आयी है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता के साथ भी निखिल के अच्छे संबंध हैं. उन्होंने सदन में एक तसवीर भी जारी की. भाजपा नेता जांच में सहयोग करे. कानून के राज में लड़की को न्याय मिलेगा. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि बिहार के विकास नहीं होने में केंद्र सरकार दोषी है. केंद्र ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया. उन्होंने राज्य सरकार की तारीफ की.
परंपरा को तोड़ने का काम हो रहा है : श्रवण
विपक्ष के रवैये पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने उपसभापति से कहा कि सदन का कार्य संचालन नियमावली के अनुसार चलना चाहिए. परंपरा को तोड़ने का काम हो रहा है. कांग्रेस के दिलीप चौधरी ने कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय पर आरोप लगने की बात को गलत बताया. भाजपा के मंगल पांडेय ने कहा कि नियुक्ति घोटाले की जांच सेवानिवृत्त न्यायाधीश महफूज आलम से होने के बाद भी मेवालाल चौधरी की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है. नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कार्यस्थगन प्रस्ताव पर पहले चर्चा होनी चाहिए.
सरकार बताये कि कब तक मेवालाल चौधरी की गिरफ्तारी होगी. विपक्ष के हंगामे को लेकर सदन की कार्यवाही मात्र 10 मिनट चलने के बाद दोपहर साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सदन की कार्यवाही पुन: साढ़े बारह बजे शुरू हुई. विपक्ष अपने कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने को लेकर वेल में पहुंच कर हंगामा किया.
तीन मिनट बाद उपसभापति ने दोपहर एक बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. दोपहर एक बजे सदन की कार्यवाही पुन: शुरू हुई. विपक्षी सदस्य फिर से वेल में पहुंच कर सरकार विरोधी नारा लगाने लगे. इसके बाद उपसभापति ने भोजनावकाश ढाई बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. सदन की कार्यवाही मात्र 16 मिनट चला. हंगामे के बीच सतीश कुमार के अल्पसूचित सवाल का जवाब कृषि मंत्री राम विचार राय ने दिया. विपक्ष के शोरगूल के कारण जवाब स्पष्ट सुनायी नहीं दिया. तारांकित सवाल का जवाब ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार का जवाब स्पष्ट सुना नहीं जा सका.
राष्ट्रीय राजमार्ग के विरोध में राज्य सरकार जायेगी कोर्ट : मुख्यमंत्री
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग के विरोध में राज्य सरकार अदालत जायेगी. केंद्र सरकार ने इसको संसद से एक्ट बना लिया है. केंद्र सरकार झूठ बोल रही है. यह राजमार्ग इलाहाबाद से हल्दिया तक गंगा नदी में तैयार किया जायेगा. इसके लिए जगह-जगह चेकडैम बनाये जायेंगे. नदी में सीरीज ऑफ बैराज से और गाद (सिल्ट) जमा होंगे.
इसका खामियाजा बिहार को भुगतना पड़ेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब कोर्ट जाने के अलावा राज्य के पास कोई विकल्प नहीं बचा है. विधानसभा में अपने कार्यालय कक्ष में सोमवार को मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गंगा में राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रस्ताव पर बिहार से कोई परामर्श नहीं किया गया. बिहार के लोगों को गंगा के पीने का पानी पर भी अधिकार नहीं है. पीने का पानी बिहार को नहीं मिलेगा और गंगा की बाढ़ की विभीषिका झेलते रहेंगे राज्य के लोग. गंगा में सिल्ट भर गया है. यह व्यक्तिगत और राजनैतिक मामला नहीं है.
केंद्र सरकार द्वारा गंगा में बनारस और इलाहाबाद के बीच डैम बनाये जाने का प्रस्ताव है. इसका नुकसान बिहार को होगा. पिछले साल कटिहार की स्थिति गंभीर हो गयी थी. दो दिनों तक पटना में गंगा की अविरलता को लेकर आयोजित सेमिनार में भी विशेषज्ञों को गंगा की स्थिति की जानकारी दी गयी है. उनको गंगा के पूरे बेल्ट का हवाई सर्वेक्षण कराया गया. इसके बाद उनका भी ओपिनियन अब बदल गया है. पटना में पिछले साल बाढ़ का पानी घुस गया था. पुनपुन में लगता था कि पानी ही ठहर गया है. अगर गंगा पर सीरीज आॅफ बैराज बनेगा तो गंगा की स्थिति क्या होगी.
किसी की भी गिरफ्तारी में सरकार का रोल नहीं
पटना. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी घटना के गिरफ्तारी मामले में सरकार का रोल नहीं है. सरकार जांच का आदेश देती है. जांच के दौरान पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान की जाती है.
अनुसंधान के क्रम में जिस तरह की प्रक्रिया अपनाने की आवश्यकता होती है वह पुलिस द्वारा अपनायी जाती है. पुलिस द्वारा ही कानूनी कार्रवाई की जाती है. विधानमंडल में विपक्ष की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मेवालाल चौधरी की पत्नी से भी वह नहीं मिले. उनकी पत्नी ने मिलने के लिए समय मांगा था. सोमवार को मुख्यमंत्री विधानसभा में अपने कार्यालय कक्ष में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
विधायक करा सकते हैं कब्रिस्तानों की घेराबंदी : विजेंद्र
पटना. ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि विधायक मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना से कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा सकते हैं. जिन विधायकों को लगता है कब्रिस्तानों की घेराबंदी कराना आवश्यक है, तो वह इस काम को सीएम क्षेत्र विकास योजना से करा सकते हैं. विधानसभा में विधायकों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी को लेकर सरकार से सवाल पूछा था.
सदस्यों के जवाब में ऊर्जा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना में कब्रिस्तानों की घेराबंदी को शामिल करा दिया गया है. उन्होंने बताया कि किसी भी जिले में कब्रिस्तानों की घेराबंदी के लिए संबंधित जिले के जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आरक्षी अधीक्षक सहित अन्य लोगों की एक कमेटी बनायी गयी है.
यह कमेटी जिले में संवेदनशीलता के आधार पर प्राथमिकता सूची तैयार करती है. उसके अनुसार ही कब्रिस्तानों की घेराबंदी करायी जाती है. विधायक विनोद प्रसाद यादव, कुमार सर्वजीत, भोला यादव, अचमित ऋषिदेव, राजीव कुमार उर्फ मुन्ना यादव, उपेंद्र पासवान और रत्नेश सदा द्वारा कब्रिस्तानों की घेराबंदी को लेकर सरकार से प्रश्न पूछा गया.