‘फ्रस्टेशन से डिप्रेशन में आ गये हैं सुशील मोदी’

पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के प्रबल दावेदार भाजपा नेता सुशील मोदी को बिहार की जनता ने नकार दिया है. फिर केंद्र सरकार में भी इनकी इंट्री नहीं मिली तो ये मानसिक रूप से बीमार हो गये हैं. सुशील मोदी फ्रस्टेशन से डिप्रेशन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2017 7:14 AM
पटना : जदयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद ने कहा कि बिहार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के प्रबल दावेदार भाजपा नेता सुशील मोदी को बिहार की जनता ने नकार दिया है. फिर केंद्र सरकार में भी इनकी इंट्री नहीं मिली तो ये मानसिक रूप से बीमार हो गये हैं.
सुशील मोदी फ्रस्टेशन से डिप्रेशन में आ गये हैं. सुशील मोदी को अपना मानसिक इलाज कराना चाहिए. इलाज में जो खर्च होगा उसका वे वहन करेंगे. सामाजिक जीवन में हर कोई किसी न किसी की पैरवी करता है, तो इसमें गलत क्या है? वैसे भी जो पेपर दिखा रहे हैं वह एएनएम के इंटरव्यू का है. उससे पेपर लीक मामले का कोई लेना देना नहीं है.
सरकार के उत्तर के पहले विपक्ष का वाक आउट
विधान परिषद में भोजनावकाश के बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद पर चर्चा शुरू हुई. जब जदयू के गुलाम रसूल बलियावी बोल रहे थे, तो स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप के कथन पर विपक्ष उबल गया. उपसभापति ने कहा कि मंत्री ने कोई एेसी बात कही होगी तो उसे कार्यवाही से निकाल दी जायेगी.
आसन ने जब विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी से जब अपनी बात कहने को कहा, तो उन्होंने कहा कि सदन में मुख्यमंत्री आयेंगे तब वह अपनी बात रखेंगे. जब मुख्यमंत्री राज्यपाल के अभिभाषण पर उत्तर देने के लिए उठे तो मोदी ने यह कहते हुए वाक आउट कर दिया कि सरकार विपक्ष की बात नहीं सुनती है.
‘महागंठबंधन में पूरी राजनैतिक एकजुटता’
राज्यपाल के अभिभाषण पर मंगलवार को विधान परिषद में उत्तर देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महागंठबंधन में पूरी एकजुटता है. पेपर लीक मामले में विपक्ष को चुनौती देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि साक्ष्य है तो मंत्री व विधायक का नाम बताएं. साक्ष्य सामने लाइए. विपक्ष के वाक आउट पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आदर मांगने से नहीं मिलता है. इसके लिए आचरण वैसा बनाना होगा. सरकार सात निश्चय को पूरा करेगी. सरकार अपने एजेंडा पर चल रही है. राज्य के सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए सरकार कृतसंकल्पित है. खाद्यान उत्पादन में राष्ट्रीय औसत से बिहार आगे है.

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