बिहार विधानसभा : दोनों सदनों में सत्ता और विपक्ष में नोक-झोंक

पटना : सरकार द्वारा 1994 के बाद विद्यालयों का अधिग्रहण नहीं किया गया है. उक्त बातें शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहीं. विधानसभा में मंगलवार को उन्होंने कहा कि सरकार की नीति है, जहां पर भी मध्य विद्यालय हैं उनको उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय में परिवर्तित कर दिया जाये. सरकार का संकल्प है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 1, 2017 7:23 AM
पटना : सरकार द्वारा 1994 के बाद विद्यालयों का अधिग्रहण नहीं किया गया है. उक्त बातें शिक्षा मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहीं. विधानसभा में मंगलवार को उन्होंने कहा कि सरकार की नीति है, जहां पर भी मध्य विद्यालय हैं उनको उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय में परिवर्तित कर दिया जाये. सरकार का संकल्प है कि हर पंचायत में उच्च विद्यालयों की स्थापना की जाये.
विधानसभा में शिक्षा मंत्री सत्यदेव प्रसाद सिंह के तारांकित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि राज्य शिक्षकों के पांचवें चरण के नियोजन का कार्यक्रम चल रहा है. शिक्षा मंत्री ने डाॅ सीएन गुप्ता के तारांकित प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा में सभी लंबित परीक्षाएं मई 2017 तक संपन्न करा ली जायेंगी. डॉ चौधरी ने बताया कि जो स्कूल आरटीइ का पालन नहीं करेंगे, वैसे स्कूलों के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी.
पटना. बिहार विधानसभा में विरोधी दलों द्वारा कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय और जदयू विधायक मेवा लाल चौधरी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा किया गया. विरोधी दल के नेता डॉ प्रेम कुमार ने सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही यह मामला सदन में उठाया. वहीं, शून्यकाल शुरू हुआ, तो विपक्षी सदस्यों द्वारा फिर इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया गया. इधर, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी द्वारा संजय सरावगी, ललन पासवान, विद्या सागर केसरी, श्याम बाबू प्रसाद, अरुण कुमार सिन्हा और विजय कुमार के कार्यस्थगन प्रस्ताव को अमान्य कर दिया गया.
पटना : विधान परिषद में मंगलवार को सदन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी. प्रश्नोत्तर काल नहीं चला. विपक्ष व सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण भोजनावकाश से पहले मात्र 20 मिनट सदन चली. विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव पर बहस कराने की मांग को लेकर वेल में पहुंच कर सरकार विरोधी नारे लगाये. हंगामे के कारण उपसभापति हारूण रशीद को सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी.
भाजपा के रजनीश कुमार ने बीएसएससी पेपर लीक कांड में गिरफ्तार आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार व सचिव परमेश्वर राम का बयान सार्वजनिक करने, मामले की जांच सीबीआइ से कराने, नियुक्ति मामले में आरोपित मेवालाल चौधरी व दलित छात्रा के यौन शोषण के मामले में शामिल कांग्रेस नेता ब्रजेश पांडेय सहित अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं होने पर बहस कराने की मांग की. विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि पेपर लीक कांड मामले में मंत्री व विधायक शामिल हैं.
इस पर जदयू के संजय सिंह व नीरज कुमार ने विपक्ष से मंत्री व विधायक का नाम बताने को कहा. इसको लेकर नोक-झोंक भी हुई. भाजपा के विनोद नारायण झा ने कहा कि सत्ता पक्ष भी चाहता है कि नाम सार्वजनिक हो. हंगामे को लेकर उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर एक बजे तक स्थगित कर दी. दोपहर एक बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग को लेकर वेल में पहुंचे. वेल में सरकारी विरोधी नारे लगाने लगे. इस दौरान दिलीप कुमार चौधरी के ध्यानाकर्षण का जवाब स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव ने दिया. हंगामे को लेकर दस मिनट बाद ही उपसभापति ने सदन की कार्यवाही दुबारा ढाई बजे भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.

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