दोबारा शराब पीने के जुर्म में धराये 9500 को मिली एक साल की जेल

एक अप्रैल 2022 से शराबबंदी का नया संशोधित कानून लागू होने के बाद पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गये करीब पांच लाख लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 9, 2024 1:34 AM
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संवाददाता, पटना एक अप्रैल 2022 से शराबबंदी का नया संशोधित कानून लागू होने के बाद पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गये करीब पांच लाख लोग जुर्माना देकर छूट चुके हैं. मगर इनमें से लगभग 9500 लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने दूसरी बार शराब पीने का अपराध किया. संशोधित मद्यनिषेध कानून का उल्लंघन करने वाले इन शराबियों को अपना एक साल जेल की सलाखों के पीछे गुजारना पड़ा है. संशोधित मद्यनिषेध कानून की धारा 37 के तहत राज्य सरकार ने पहली बार शराब पीने के आरोप में पकड़े गये लोगों को शपथपत्र भरने के बाद दो से पांच हजार रुपये जुर्माना देकर छोड़ने का प्रावधान किया है. लेकिन, अगर कोई भी व्यक्ति दूसरी बार इस अपराध को दोहराता है तो उनके लिए कम से कम एक साल की सजा का प्रावधान है. बीते 28 महीने के दौरान करीब 9500 लोगों ने यह अपराध किया, जिनको एक साल की जेल झेलनी पड़ी. इनमें सबसे अधिक 6200 रिपीट ऑफेंडर्स को उत्पाद विभाग की टीम ने, जबकि 3300 लोगों को पुलिस ने पकड़ा है. इनकी पहचान पुलिस व उत्पाद थानों में दर्ज इनके रिकॉर्ड से की गयी. न्यायालय में पेश करने के बाद उनको जेल भेजने की कार्रवाई की गयी. रिपीट ऑफेंडर्स के मामले पटना, नालंदा व गोपालगंज में सबसे अधिक : आंकड़ों के मुताबिक रिपीट ऑफेंडर्स के मामले पटना, नालंदा और गोपालगंज जिले में सबसे अधिक पाये गये. 31 जुलाई, 2024 तक पटना में 1311 लोगों को दूसरी बार शराब पीने के आरोप में पकड़ा गया, जिनमें 733 को उत्पाद, जबकि 578 को पुलिस ने पकड़ा. इसी तरह, गोपालगंज जिले में 518, नालंदा जिले में 449, जहानाबाद में 421, खगड़िया में 399, मुंगेर में 387 और सारण में 386 लोगों को दूसरी बार शराब पीकर पकड़े जाने पर एक साल की सजा दिलायी गयी. गया, जमुई और मधुबनी जिलों में यह आंकड़ा 100 से भी कम है.

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