गर्भ में मरी बच्ची का करते रहे इलाज, हालत गंभीर
वैशाली की रीना देवी को शायद यह भी नहीं पता था कि उसके पेट में बच्ची की मौत हो गयी है और उसके बाद भी डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं. जब रीना की हालत गंभीर हुई, तो ऑपरेशन कर सात महीने की बच्ची को निकाला गया. इसके बाद पटना में बाइपास स्थित एक प्राइवेट […]
वैशाली की रीना देवी को शायद यह भी नहीं पता था कि उसके पेट में बच्ची की मौत हो गयी है और उसके बाद भी डॉक्टर उसका इलाज कर रहे हैं. जब रीना की हालत गंभीर हुई, तो ऑपरेशन कर सात महीने की बच्ची को निकाला गया. इसके बाद पटना में बाइपास स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया गया, जहां दो दिनों के बाद वहां से भी पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. पीएमसीएच में इमरजेंसी के बेड नंबर 32 पर अपनी जिंदगी और मौत से जूझ रही रीना के परिजनों ने लापरवाही का अारोप लगाया है. रीना के पति श्रीकांत ने बताया िक मैं अपनी पत्नी रीना देवी का इलाज हाजीपुर के एक अस्पताल में करवाया था.
वहां के डॉक्टरों ने अल्ट्रासाउंड भी कराया, इसके बावजूद बच्ची के मरने की बात नहीं कही. लगातार इलाज चलाते रहे. जब तबीयत गंभीर हुई, तो फिर से हम लोगों ने उस अस्पताल ले गये, जहां ऑपरेशन के बाद वहां के डॉक्टर ने पटना रेफर कर दिया. दोनों अस्पताल मिला कर करीब सवा लाख से अधिक रुपये लग गये.
हाजीपुर स्थित निजी नर्सिंग होम के डायरेक्टर डॉ राहुल कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा िक मुझे बच्ची की मौत की जानकारी नहीं थी, अगर जानकारी रहती, तो ऑपरेशन हो जाता. हालांकि, हमने ऑपरेशन किया, लेकिन गंभीर हालत होने के चलते जीरो माइल स्थित एक प्राइवेट अस्पताल में रेफर कर दिया. अब उस अस्पताल में क्या हुआ, इसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है.