केंद्र सरकार महिला आरक्षण बिल लाये, हम करेंगे समर्थन : नीतीश

पटना :बिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं का और सशक्तीकरण करने की जरूरत है. इसके लिए केंद्र सरकार संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को जल्द लाये, हम उसका समर्थन करेंगे. वह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बुधवार को जदयू के महिला प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय महिला सम्मेलन को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 9, 2017 7:58 AM
पटना :बिहारके मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं का और सशक्तीकरण करने की जरूरत है. इसके लिए केंद्र सरकार संसद और विधानमंडलों में महिला आरक्षण से संबंधित विधेयक को जल्द लाये, हम उसका समर्थन करेंगे. वह अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर बुधवार को जदयू के महिला प्रकोष्ठ की ओर से आयोजित राज्यस्तरीय महिला सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
रवींद्र भवन में आयोजित सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने जदयू के महिला प्रकोष्ठ की सदस्यों को टास्क भी दिया कि शराबबंदी, नशामुक्ति के साथ अब वे घर-घर जागरूकता अभियान चलाएं और लोगों को समझाएं कि बेटा हो या बेटी, किसी प्रकार की बीमारी होने पर उन पर एक समान ध्यान दें और समय पर उनका इलाज कराएं. मुख्यमंत्री ने 15 दिनों में इस अभियान की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि जहां तक बाल विवाह रोकने और दहेज प्रथा बंद करने का सवाल है, तो इसके लिए भी चेतना जगानी होगी. महिलाएं जगी रहेंगी, तभी यह संभव है. बच्चों का टीकाकरण, रजिस्ट्रेशन, आधार कार्ड निर्माण, सरकार की सहायता, जो सीधे खातों में जाती है, उसकी भी जानकारी दें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिशु मृत्यु दर घटी है, खासकर बच्चों की. नवजात अगर लड़का है और वह वजन से कमजोर है या सांस में तकलीफ है, तो अभिभावक इलाज करवा लेते हैं, लेकिन अगर नवजात लड़की है, तो अभिभावक उसका इलाज नहीं कराते हैं. जदयू इसे जागरूकता अभियान के रूप में चलायेगा और घर-घर जाकर लोगों को इस मानसिकता से निकलने की अपील करेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी लागू करने से पहले सशक्त अभियान चलाया. इसमें जीविका समेत अन्य ने सशक्त काम किया. 21 जनवरी को मानव शृंखला का विश्व रिकॉर्ड बना. अनुमान दो करोड़ का था, लेकिन चार करोड़ लोग शामिल हुए. इधर, कुछ धंधेबाज हैं, जो शराबबंदी में बाधा डाल रहे हैं. उन्हें बीच-बीच में पुलिस पकड़ भी रही है. इसके लिए लोगों को भी जागृत रहना होगा. साथ ही दूसरे मादक पदार्थों की ओर लोग न जाये, इस पर भी नजर रखनी होगी.
जो महिला शक्ति को नहीं पहचान रहें, यह उनकी गलती
नीतीश कुमार ने कहा कि जदयू राजनीतिक पार्टी है, लेकिन दूसरों से अलग है. जदयू सिर्फ चुनाव ही नहीं लड़ता, बल्कि सामाजिक बदलाव के लिए अभियान भी चलाता है. जदयू ने महिलाओं की शक्तियों को पहचाना है. स्कूली लड़कियों को पोशाक योजना, साइकिल योजना, पंचायत व नगर निकाय चुनाव में महिलाओं को 50% आरक्षण, नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति में 50% आरक्षण, पुलिस की नौकरी में महिलाओं को 35% आरक्षण दिया जा रहा है# जो लोग महिला शक्ति को नहीं पहचान रहे हैं, यह उनकी गलती है.
शिक्षा से प्रदेश में आया अहम बदलाव
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2005-06 में नवजात शिशु मृत्यु दर 61 प्रति हजार थी, जो 2015-16 में घट कर 48 हो गयी है. वहीं, पांच साल तक के बच्चों की मृत्यु दर पहले 84 थी, जो अब 58 हो गयी है. लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है. प्रति 1000 नवजात लड़कों पर 893 लड़कियां होती थीं, जो अब 934 हैं. यह राष्ट्रीय औसत 919 से बेहतर है. प्रजनन दर भी 3.9 थी, जो अब घट कर 2.2 हो गयी है. यह सब शिक्षा की वजह से ही संभव हो सका है.
पटना समेत 25 जिलों के डीइओ-डीपीओ को नोटिस, तीन दिनों में मांगा जवाब
पटना : पटना समेत 25 जिलों के डीइओ और डीपीओ (योजन व लेखा) को योजनाओं की राशि के वितरण में देरी करने पर शिक्षा विभाग ने नोटिस दिया है. शिक्षा विभाग के सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने तीन दिनों में इसका जवाब देने का निर्देश दिया है. उनसे पूछा गया है कि इस लापरवाही के लिए आप पर दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाये? वहीं, सभी क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक (आरडीडीइ) को निर्देश दिया गया है कि संबंधित प्रमंडल के जिलों में हर दिन कैंप लगा कर 20 मार्च तक सभी योजना मदों की राशि की निकासी और उसका वितरण बच्चों के बीच करना सुनिश्चित करें.

निर्धारित तिथि तक किसी जिले में अगर राशि की निकासी व वितरण नहीं हुआ, तो संबंधित जिले के अधिकारी के साथ आरडीडीइ भी जवाबदेह होंगे. किसी भी प्रकार की शिथिलता बरते जाने पर भी आरडीडीइ पर कार्रवाई की जायेगी. शिक्षा विभाग ने मुजफ्फरपुर, पश्चिमी चंपारण, अरवल, लखीसराय, मधुबनी, भागलपुर, किशनगंज, कैमूर, औरंगाबाद, पटना, नालंदा, खगड़िया, पूर्वी चंपारण, सासाराम, सीवान, समस्तीपुर, कटिहार, भोजपुर, गया, गोपालगंज, बक्सर, जहानाबाद, सीतामढ़ी, नवादा और सारण के डीइओ-डीपीओ को नोटिस दिया है.

शिक्षा विभाग ने पूछा है कि वर्ष 2016-17 में पोशाक, साइकिल, छात्रवृत्ति, सेनेटरी नैपकिन व मेधावृत्ति मदों की राशि मंजूर की जा चुकी है. 15 फरवरी तक राशि की निकासी कर उसका भुगतान बच्चों के बीच कर दिया जाना था. इसी महीने हुई समीक्षा में साफ हुआ कि संबंधित जिलों में राशि की निकासी व वितरण की स्थिति निराशाजनक है. इसके लिए तीन बार वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग भी हुई और डीडीओ का कैंप लगा कर राशि की निकासी व आरटीजीएस के जरिये बच्चों के बैंक खातों में राशि ट्रांसफर कराने का निर्देश भी दिया गया, लेकिन अभी तक यह काम पूरा नहीं हो सका है. शिक्षा सचिव जितेंद्र श्रीवास्तव ने साफ कहा है कि इन 25 जिलों में जिन पांच मदों की राशि की निकासी कर वितरण किया जाना था, उसमें 60% राशि की भी निकासी नहीं हो सकी है.
ऑपरेटर समेत अन्य आउटसोर्स कर्मियों को मिलेगा नियमित जैसा लाभ
पटना. राज्य सरकार ने सचिवालय और अन्य कार्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटर समेत ठेके पर बहाल सभी वर्गों के कर्मियों को नियमित कर्मियों जैसा लाभ और सुविधाएं देने का निर्णय लिया है. बेल्ट्राॅन से बहाल होकर आनेवाले इन सभी कर्मियों को सभी तरह की सुविधाएं देने के लिए इन्हें संविदा पर कार्यरत शिक्षक, एएनएम समेत अन्य कर्मियों की तरह ही सेवा शर्त तैयार करते हुए कई सुविधाएं दी गयी हैं. अब उन्हें नौकरी जाने का खतरा नहीं होगा. उन्हें अब एक वर्ष के लिए कांट्रैक्ट पर तैनात किया जायेगा. पहले यह अवधि छह महीने थी. एक वर्ष बाद अगर इनके खिलाफ किसी तरह की शिकायत या अनियमितता नहीं मिलती है, तो इनका कांट्रैक्ट स्वत: रिन्युअल हो जायेगा. इसकी तरह इनकी सेवा 60 वर्ष की उम्र तक खुद-ब-खुद बढ़ती जायेगी. इसके बाद ये नियमित सरकारी कर्मचारियों की तरह ही रिटायर हो जायेंगे.
इसके अलावा प्रत्येक वर्ष इनके वेतन में 10% की बढ़ोतरी होगी. महिला संविदा कर्मियों को तत्काल दो महीने तक का सवैनिक मातृत्व अवकाश की सुविधा मिलेगी. आकस्मिक अवकाश (सीएल) की सुविधा भी मिलेगी. जो कर्मी जिलास्तरीय कार्यालयों या ऐसे कार्यालयों में काम करते हैं, जहां का कार्य दिवस छह दिनों का होता है, उन्हें साल में 15 दिनों का सीएल मिलेगा.

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