समय पर हो जाये इलाज, तो बच सकते हैं ट्रांसप्लांट से

जागरूकता. विश्व किडनी दिवस पर कार्यक्रम पटना : भारत में हर 10 वां व्यक्ति के किडनी में संक्रमण है और थोड़ी सी लापरवाही से कोई न कोई अनहोनी हो जाती है. बिहार में भी तेजी से यह संख्या बढ़ रही है. एम्स दिल्ली ने तो इसे बड़ी महामारी बताते हुए लोगों को अलर्ट किया है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 10, 2017 8:01 AM
जागरूकता. विश्व किडनी दिवस पर कार्यक्रम
पटना : भारत में हर 10 वां व्यक्ति के किडनी में संक्रमण है और थोड़ी सी लापरवाही से कोई न कोई अनहोनी हो जाती है. बिहार में भी तेजी से यह संख्या बढ़ रही है. एम्स दिल्ली ने तो इसे बड़ी महामारी बताते हुए लोगों को अलर्ट किया है. प्रदूषण और खान पान के साथ अनियमित दिनचर्या से शरीर में आये मोटापा शुगर और ब्लड प्रेशर जैसे विकार इसके प्रमुख कारण हैं. यह कहना है किडनी रोग विशेषज्ञ डॉ हेमंत कुमार का. विश्व किडनी दिवस पर गुरुवार को आइजीआइएमएस में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मुख्य अतिथि बीपीएससी अध्यक्ष आलोक कुमार सिन्हा थे. वहीं अस्पताल के डायरेक्टर डॉ एनआर विश्वास ने कहा कि संस्थान में किडनी बीमारी के क्षेत्र में काफी विकास हुआ है. ट्रांसप्लांट से लेकर मॉड्यूलर ओटी सहित कई आधुनिक सुविधाएं मरीजों को उपलब्ध करायी गयी हैं.
आइजीआइएमएस के अपर चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष मंडल व नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ ओम कुमार ने कहा कि किडनी के मरीजों में 10 प्रतिशत इजाफा हुआ है. लिवर प्रत्यारोपण पर डॉ मनीष ने कहा कि लिवर की बीमारी से ग्रसित 1200 मरीज हर साल संस्थान में आते हैं. इनमें करीब 100 मरीजों को ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ती है. उन्होंने कहा कि अगर समय पर मरीज इलाज कराने आ जाये तो उनको ट्रांसप्लांट से बचाया जा सकता है. इस मौके पर डॉ पीके सिन्हा, डॉ एसके शाही, डॉ अरविंद प्रसाद,डॉ अमरेश कृष्णा, डॉ हर्ष वर्धन औरडॉ प्रतिपाल सहित कई डॉक्टरउपस्थित थे. डॉ पंकज हंस ने कहा कि क्रोनिक किडनी रोग से पीड़ित हेमोडायलिसिस के मरीजों के हेपेटाइटिस सी से संक्रमित होने का अधिक खतरा रहता है.
किडनी की बीमारी का बड़ा कारण मधुमेह
पटना : विश्व किडनी दिवस के मौके पर राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें कॉलेज के अधीक्षक डॉ. डीपी सिंह ने आयुर्वेदिक विधि से किडनी की बीमारी के उपचार के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 75 प्रतिशत मामलों में किडनी की बीमारी मधुमेह और हाइपरटेंशन से होती है. डॉ सिंह ने कहा कि 30 से 50 साल के उम्र में किडनी खराब होने वालों की संख्या अधिक हुई है. वहीं डॉ. इंदूभूषण ने कहा कि लोगों को शरीर की नियमित जांच करानी चाहिए. शुगर को नियंत्रित रखें. इधर, गुरुवार को पूर्व मध्य रेल के सेंट्रल सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल द्वारा किडनी रोग जांच शिविर का आयोजन किया गया. इसमें डायबिटीज व हाइपरटेंशन के 50 मरीजों का किडनी रोग से संबंधित जांच की गयी.

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