15 अप्रैल को चंपारण शताब्दी समारोह को लेकर निकलेगी पदयात्रा

तिरहुत प्रमंडल से होगी पदयात्रा की शुरुआत हेरिटेज वाॅक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे शामिल पटना : महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर एक साल तक चंपारण शताब्दी समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसकी शुरुआत 10-11 अप्रैल को पटना के नवनिर्मित कन्वेंशन हॉल में गांधी विचार पर राष्ट्रीय विमर्श […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 12, 2017 7:59 AM
तिरहुत प्रमंडल से होगी पदयात्रा की शुरुआत
हेरिटेज वाॅक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी होंगे शामिल
पटना : महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह के 100 साल पूरे होने पर एक साल तक चंपारण शताब्दी समारोह का आयोजन किया जायेगा. इसकी शुरुआत 10-11 अप्रैल को पटना के नवनिर्मित कन्वेंशन हॉल में गांधी विचार पर राष्ट्रीय विमर्श के साथ होगी. वहीं, 15 अप्रैल को तिरहुत प्रमंडल से उन जगहों के लिए पदयात्रा निकलेगी, जहां-जहां महात्मा गांधी गये थे. इसे हेरिटेज वाॅक का नाम दिया जा रहा है. इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. इसके अलावा 17 अप्रैल को पटना के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में देश के स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मानित किया जायेगा.
बिहार समेत देश के वैसे स्वतंत्रता सेनानी अगर अस्वस्थता के कारण समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे तो जिलाधिकारी सरकार के प्रतिनिधि के रूप में जाकर उन्हें सम्मानित करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को अमर शहीद जुब्बा सहनी की शहादत दिवस पर चंपारण शताब्दी समारोह की जानकारी देते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों को निमंत्रण भेज दिया गया है. इसमें देशभर के स्वतंत्रता सेनानी भाग लेंगे. इसके अलावा एक-एक युवा छात्र-छात्राओं को आजादी की लड़ाई के बारे में पूरे तौर पर जानकारी दी जायेगी. इसके लिए हर स्कूल में गांधी के विचार और कहानियों को नियमित रूप से बताया जायेगा. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के खिलाफ कोई सुनना नहीं चाहता है, लेकिन उनके विचारों को स्वीकर नहीं करते हैं. उसके बारे में लोगों को बताया जायेगा.
वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि शराबबंदी से जो समाज सोया हुआ था, वह अब पढ़ने लगा है और काम करने लगा है. अब वह रोके नहीं रुकेगा. साथ ही निसाद समाज की उपेक्षा कर अब लोग आगे नहीं बढ़ सकते हैं. उन्होंने केंद्र पर भी निशाना साधा और कहा कि जिन लोगों का स्वतंत्रता संग्राम में कोई हाथ नहीं है, वे देश की सत्ता में बैठे हैं. निषाद समाज समेत पिछड़े लोगों को कर्पूरी, लालू व नीतीश ने ही आवाज दी है. उन्होंने सन ऑफ मल्लाह कहे जाने वाले एक नेता का नाम लिये बगैर निशाना साधा.
रिजेक्ट लोगों से सचेत रहने की जरूरत : खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जिन लोगों को रिजेक्ट किया गया है उनसे सचेत रहने की जरूरत है. समाज के लोग कदम से कदम मिलाकर चलें और अपने नेता पर भरोसा करें.
जुब्बा सहनी से इतिहास ने नहीं किया न्याय : आलोक मेहता
सहकारिता मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि जुब्बा सहनी के साथ इतिहास ने न्याय नहीं किया है. उन्हें इतिहास में माकूल जगह नहीं दी गयी है. इस समाज को नीतीश कुमार-लालू प्रसाद ने गुमनामी से मुख्यधारा में लाने का काम किया है. जुब्बा सहनी निषाद समाज ही नहीं राज्य व देश के धरोहर हैं.

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