पटना : राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह द्वारा दिये गये बयान पर जदयू-राजद के बीच वाक् युद्ध छिड़ गयी है. जदयू प्रवक्ता संजय सिंह और वरीय नेता श्याम रजक के दिये गये बयानों पर रघुवंश प्रसाद सिंह ने मंगलवार को फिर हमला बोला. राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वह पार्टी के सिपाही हैं. सेनापति के आदेश का इंतजार है. सेनापति का आदेश मिले तो वह मारकर (जदयू) गरदा झाड़ देंगे.
महागंठबंधन में राजद ही सहिष्णुता का धर्म निभा रहा है. यूपी चुनाव में मौन रहकर और केंद्र की नोटबंदी का समर्थन करके किसने गंठबंधन धर्म का पालन नहीं किया. जब वह कुछ बोलते हैं तो ये गाली दिलाने का काम करते हैं. गाली दिलाने के अलावा कोई काम नहीं है.
रघुवंश को बाहर करे राजद : श्याम रजक
पटना : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और विधानसभा में दल के उपनेता श्याम रजक ने कहा कि राजद को रघुवंश प्रसाद सिंह को दल से बाहर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि रघुवंश प्रसाद सिंह स्तरहीन शब्दों से हमारे नेता का उपहास उड़ा रहे हैं. उनके इस स्तरहीन वक्तव्य से जदयू मर्माहत है. जदयू का मर्माहतपन कहीं गुस्से का रूप न धारण कर ले इसके पहले ही राजद शीघ्रता से सिंह को दल से बाहर करने का निर्णय करे.
रजक ने कहा कि राजद अालाकमान को जल्द ही इस मामले पर निर्णय करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जदयू और महागंठबंधन के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के बयानों से मर्माहत हैं.
नेता बातचीत करें बयानबाजी नहीं : अशोक
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अशोक चौधरी ने जदयू और राजद नेताओं के बयानबाजी पर रोक लगाने की नसीहत देते हुए कहा कि नेता आपस में बातचीत करें. उन्होंने कहा कि बयानबाजी से उन्हें बचना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ लोग महागंठबंधन में एडजस्ट नहीं हो पाये तो नाखुश हैं. ऐसे लोगों पर अंकुश लगाने की है जरूरत है.
नीतीश मजबूरी में सुन रहे हैं अपशब्द : कुशवाहा
जन अधिकार पार्टी (लो) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री श्रीभगवान सिंह कुशवाहा ने सीएम नीतीश कुमार से पूछा कि आखिर क्या कारण है कि वह राजद नेताओं का अपशब्द सुन रहे हैं. राजद नेता रघुवंश प्रसाद के बयान पर कहा कि लगता है कि महागंठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. सीएम मजबूरी में अपशब्द सुन रहे हैं.
उन्होंने कहा कि यूपी चुनाव के बाद से लालू प्रसाद के इशारे पर राजद नेता उन्हें लगातार अपशब्द कह रहे हैं. उनके लिए लगातार अपशब्द का प्रयोग किया जा रहा है. क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना जमीर बेच कर सत्ता में रहना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता तो आती जाती रहती है. उन्होंने सुझाव दिया है कि मुख्यमंत्री को महागंठबंधन से अलग होकर अपनी जमीर की रक्षा करनी चाहिए. नीतीश कुमार से लाठी से रिश्ता तोड़ने और कलम से रिश्ता जोड़ेने की नसीहत दी है.