बिहार में एक अप्रैल से महंगी हो सकती है जमीन व फ्लैट की रजिस्ट्री

पटना : बिहार में एक अप्रैल से जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री महंगी हो सकती है. निबंधन विभाग नये वित्तीय वर्ष से मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) में बढ़ोतरी पर विचार कर रहा है. बुधवार को विभाग की ओर से सभी नौ प्रमंडलों के सहायक निबंधक व महानिरीक्षक की बैठक बुलायी गयी. इसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में राजस्व […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2017 7:12 AM

पटना : बिहार में एक अप्रैल से जमीन-फ्लैट की रजिस्ट्री महंगी हो सकती है. निबंधन विभाग नये वित्तीय वर्ष से मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) में बढ़ोतरी पर विचार कर रहा है. बुधवार को विभाग की ओर से सभी नौ प्रमंडलों के सहायक निबंधक व महानिरीक्षक की बैठक बुलायी गयी. इसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में राजस्व में आयी कमी पर चिंता जतायी गयी. साथ ही नयी सर्किल रेट लागू करने को लेकर जल्द समीक्षा बैठक बुलाने का निर्देश दिया गया.

इसमें वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए एमवीआर में बढ़ोतरी को लेेकर जिलों से रिपोर्ट मांगी गयी है. इससे पहले फरवरी, 2016 में एमवीआर में 25प्रतिशत तक वृद्धि की गयी थी, लेकिन ग्रामीण इलाकों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी. वर्ष 2014 व 2015 में भी एमवीआर में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी. मालूम हो एमवीआर के आधार पर ही संबंधित इलाके की जमीन या फ्लैट की रजिस्ट्री पर शुल्क लगता है.

लक्ष्य से 900 करोड़ दूर
विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में 3800 करोड़ का राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया था, लेकिन 2900 करोड़ ही प्राप्त हो सके हैं. ऐसे में विभाग ने लक्ष्य से लगभग 900 करोड़ कम राजस्व प्राप्ति पर चिंता जतायी है. ऐसे में अगले वित्तीय वर्ष में एमवीआर बढ़ाने को लेकर समीक्षा बैठक बुलायी जानी है.
व्यावसायिक इलाकों में बाजार से कम है सरकारी मूल्य
सूत्रों के अनुसार कई व्यावसायिक इलाकों में बाजार से सरकारी मूल्य काफी कम है. इससे सरकार को राजस्व की क्षति हो रही है. इसके लिए राज्य भर की सर्किल रेट को रिवाइज किया जाता है. हाल ही में राज्य भर में जमीन का वर्गीकरण दो श्रेणियों-शहरी और ग्रामीण इलााकों के रूप में किया गया है. ऐसे में अब सरकार उन तरह की जमीन की रेट रिवाइज करेगी. नियमत: शहरी इलाकों में प्रति वर्ष, जबकि ग्रामीण इलाकों में यह रेट दो साल में एक बार रिवाइज होती है.
इन विषयों पर भी हुई चर्चा
बैठक में सभी निबंधन कार्यालयों के कर्मियों व अंचलाधिकारियों की टीम की ओर से जमीन के मूल्य निर्धारण की रिपोर्ट तैयार करने से लेकर कई बातों पर भी चर्चा की गयी. पटना के पॉश और उससे जुड़े इलाके बैरिया, सोना गोपालपुर, चिपुरा उदैना समेत अन्य इलाकों में तीन गुना अधिक कीमत काे लेकर समीक्षात्मक बैठक की तैयारी की जा रही है. वहीं, शहरों के आस-पास विकसित हो रही आवासीय कॉलोनियों और आधे शहरी इलाकों में एनएच, मुख्य सड़कों के आसपास औद्यौगिक इलाकों, जहां की जमीन की बिक्री लगातार बढ़ रही है, इसकी भी रिपोर्ट मांगी गयी है.
30 से 50 फीसदी बढ़ सकती है सर्किल रेट
एमवीआर में 30 से 50प्रतिशत तक वृद्धि की संभावना है. पटना समेत जिले के शहरी इलाकों के रियल एस्टेट में वृिद्ध को देखते हुए एमवीआर में संशोधन की तैयारी है. समीक्षात्मक बैठक के बाद वास्तविक बाजार मूल्य व एमवीआर में अंतर को देखते हुए स्थल निरीक्षण भी होगा. प्रमंडलों से जमीन के वास्तविक व बाजार मूल्यों की जानकारी मांगी गयी है.

Next Article

Exit mobile version