BSSC पेपर लीक मामला : IAS सुधीर कुमार व परमेश्वर राम की कोर्ट में पेशी, 28 लोगों को जेल

पटना : बिहार में बीएसएससी पेपर लीक मामले में आज आयोग के पूर्वअध्यक्ष आइएएस सुधीर कुमार एवं पूर्व सचिव परमेश्वर राम समेत 29 अन्य आरोपियों को सिविल कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद परमेश्वर राम समेत अन्य 28 आरोपियों को जेल भेज दिया गया. गुजरात से बरामद लैपटॉप से खुलेंगे कई राजगुजरात के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 16, 2017 3:08 PM

पटना : बिहार में बीएसएससी पेपर लीक मामले में आज आयोग के पूर्वअध्यक्ष आइएएस सुधीर कुमार एवं पूर्व सचिव परमेश्वर राम समेत 29 अन्य आरोपियों को सिविल कोर्ट में पेश किया गया. सुनवाई के बाद परमेश्वर राम समेत अन्य 28 आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

गुजरात से बरामद लैपटॉप से खुलेंगे कई राज
गुजरात के अहमदाबाद से बरामद लैपटॉप पेपर लीक मामले का कई राज खुलनेको लेकर चर्चा है. एसआइटी ने इस लैपटॉप की परत दर परत खोलने के लिए निगरानी कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ब्रज मोहन सिंह से अनुमित ली है. अनुसंधानकर्ता दानापुर के एएसपी राजेश कुमार ने निगरानी कोर्ट में आवेदन दायर कर इसकी अनुमति मांगी है. सूत्रों के अनुसार बरामद लैपटॉप में पेपर लीक से जुड़े कई अहम बातों का राज बंद है. साथ ही इसकी सत्यता की जांच के लिए लैपटॉप को एफएसएल से जांच कराने की अनुमित भी ली है.

भूमिगत आइएएस अधिकारी को लेकर चर्चा गरम
पर्चा लीक प्रकरण में जिस एक और अधिकारी आइएएस अधिकारी का नाम सामने आ रहा था वे अब तक सामने नहीं आए हैं.जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गरम है. वहीं एसआइटी सूत्र के अनुसार आइएएस सुधीर कुमार के पिता पर भी जल्द ही कार्रवाई हो सकती है. उनके पिता पर एसआइटी लगातार नजर रख रही है.

प्रश्नपत्र लीक में और अफसर भी फंसेंगे
बीएसएससी प्रश्नपत्र लीक मामले में कई और अफसरों के भी गरदन फंस सकते है. पूर्व सचिव परमेश्वर राम ने पूछताछ के दौरान तीन और अफसरों के नाम भी लिये है. लगातार अफसरों के नाम जुड़ते जाने के बाद एसआइटी का जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है. इसके साथ ही एएनएम बहाली के लिए भी कई जगहों से पैरवी आने की बात उन्होंने एसआइटी के समक्ष स्वीकार किया है.

एसआइटी को परमेश्वर राम से कई जानकारियां हासिल हुई है और फिलहाल उनकी दी गयी जानकारी का सत्यापन किया जा रहा है. पूछताछ के बाद यह जरूर स्पष्ट हुआ है कि परमेश्वर राम का एजेंट आनंद शर्मा था और उसने कई उम्मीदवारों को पास करवाने के लिए ठेका लिया था.

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