पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि पटना और वैशाली जिला के बीच गंगा नदी पर प्रस्तावित छह लेन वाले ग्रीन फिल्ड पुल का निर्माण कार्य 2020 तक पूरा कर लिये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. बिहार विधान परिषद में भाजपा सदस्य मंगल पांडेय द्वारा पूछे गए एक तारांकित प्रश्न का उत्तर देते हुए उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी ने कहा कि उक्त पुल का शिलान्यास 23 अगस्त 2015 को तथा कार्यारंभ 31 जनवरी 2016 को किया गया.
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए स्वीकृत 4988.4 करोड़ रुपये में से 3000 करोड़ रुपये का वित्त पोषण एशियन डेवलपमेंट बैंक के द्वारा किया जाना है तथा शेष राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी. तेजस्वी ने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा 50 करोड़ अमेरिकी डालर की स्वीकृति की जा चुकी है तथा ऋण सहमति पत्र हस्ताक्षर किया जा चुका है.
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए 313 एकड़ भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता है जिसमें से 186 का अधिग्रहण कर इस पुल को बनाने वाले संवेदक को उपलब्ध करा दिया गया है. तेजस्वी ने बताया कि इस बीच संवेदक द्वारा जियोटेक एवं टोपोग्राफिक सर्वे तथा पुल का नक्शा निर्माण आदि कार्य किया गया है तथा पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग 30 से गंगा नदी की ओर पहुंच पथ का निर्माण कराया जा रहा है.
2020 तक पूरा होना मुश्किल : भाजपा
तेजस्वी यादव ने कहा कि इस परियोजना को पूरा किए जाने की अवधि चार वर्ष और इसे 2020 तक पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट मंगल पांडेय के यह कहे जाने कि जो काम की रफ्तार है उसके अनुसार यह कार्य कहीं से भी 2020 तक पूरा होता नहीं दिखता और देरी के कारण प्राक्कलन की राशि बढ़ने की आशंका जतायी.
बिहार विधान परिषद में भाजपा सदस्य मंगल पांडेय की पुल के समय सीमा के भीतर पूरा नहीं होने तथा उसके प्राक्कलन की राशि बढ़ने की आशंका पर पथ निर्माण मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इसे लक्ष्य के अनुसार पूरा कर लिए जाने का भरोसा दिलाया. प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी सुशील ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद एवं राबड़ी देवी के कार्यकाल के दौरान राजद सरकार के समय प्रदेश में सड़क की बदहाली का आरोप लगाए जाने पर सदन में मौजूद राबड़ी द्वारा केंद्र की तत्कालीन राजग सरकार पर बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगाया.
सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इसको लेकर जारी रहे नोकझोंक के कारण कुछ देर तक सदन की कार्यवाही बाधित हुई. सभापति अवधेश नारायण सिंह के हस्तक्षेप के बाद दोनों पक्ष शांत हुए और प्रश्नोत्तर एवं शून्यकाल सुचारु रुप से चला.