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राजस्व के चक्कर में पर्यावरण को हो रहा है नुकसान

पटना : एक तरफ सरकार पेड़ -पौधों को बढ़ावा दे रही है. अलग-अलग योजनाओं के तहत पौधे भी लगाये जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की कटाई भी की जा रही है. इसके नाम पर वन विभाग काटे गये वृक्षाें की क्षतिपूर्ति में तीन गुणा पेड़ लगाने की राशि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2017 6:49 AM
पटना : एक तरफ सरकार पेड़ -पौधों को बढ़ावा दे रही है. अलग-अलग योजनाओं के तहत पौधे भी लगाये जा रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर पेड़ों की कटाई भी की जा रही है. इसके नाम पर वन विभाग काटे गये वृक्षाें की क्षतिपूर्ति में तीन गुणा पेड़ लगाने की राशि वसूल रही है, तो राज्य सरकार काटे गये पेड़ों की नीलामी से राजस्व की प्राप्ति कर रही है. पर्यावरण के बचाव को लेकर सरकार सजग नहीं दिखायी दे रही है.
यही वजह है कि बीते पांच वर्ष में पटना जिले के 10 हजार 593 पेड़ काट दिये गये हैं. वहीं, अब 2 हजार 356 पेड़ों की कटाई की जानी है. इसके एवज में वन विभाग द्वारा कुल 38 हजार 847 पौधे लगाये जाने हैं. पर इन पौधों को लगाने के लिए विभाग को जगह नहीं मिल रही. ऐसे में ये पौधे कागजों पर दिखाई तो दे रहे हैं, पर वास्तविक स्थिति कुछ और ही है. काटे गये पेड़ों की नीलामी कर वन विभाग प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये राजस्व सरकार के खाते में डाल रही है. सरकार को राजस्व की प्राप्ति हो रही है, दूसरी तरफ विभाग पेड़ों की क्षतिपूर्ति भी वसूल रही है.

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