बिजली की अनुदान राशि अब कंपनी को नहीं, सीधे उपभोक्ताओं के खाते में जायेगी

पटना : बिहार में बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी के बाद बिहार विधानमंडल में भी इस मुद्दे को लेकर आज बहस जारी रही. जानकारी के मुताबिक विपक्षी सदस्यों के विरोध और आम लोगों की परेशानी को देखते हुए शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद उपभोक्ताओं को राहत दी गयी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2017 1:44 PM

पटना : बिहार में बिजली की दरों में हुई बढ़ोतरी के बाद बिहार विधानमंडल में भी इस मुद्दे को लेकर आज बहस जारी रही. जानकारी के मुताबिक विपक्षी सदस्यों के विरोध और आम लोगों की परेशानी को देखते हुए शुक्रवार देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हस्तक्षेप के बाद उपभोक्ताओं को राहत दी गयी और 55 फीसदी बढ़ोतरी को घटाकर 28 प्रतिशत कर दिया गया. इस मसले पर सदन में घोषणा करते हुए बिहार के उर्जा मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा कि अनुदान की राशि अब उपभोक्ता के खाते में जायेगी. उन्होंने कहा कि अब अनुदान की राशि कंपनी को नहीं मिलेगी.

गौरतलब हो कि शुक्रवार को दिन में बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने वर्ष 2017-18 के लिए बिजली दरों में 55% बढ़ोतरी का एलान किया. लेकिन, रात में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से सब्सिडी जारी रखने का फैसला लिया गया, विनियामक आयोग के अध्यक्ष एसके नेगी ने ने बताया कि बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी और उसकी सहायक कंपनियों ने पिछले साल 15 नवंबर को टैरिफ याचिका दायर की थी. दोनों बिजली वितरण कंपनियों नार्थ व साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनियों ने भी अलग-अलग टैरिफ याचिका दायर की थी. आयोग ने आदेश देने के पहले प्रमंडलों में जन सुनवाई की. बिजली कंपनी और उपभोक्ताओं की दलीलों को सुना. पड़ोसी राज्यों के टैरिफ की समीक्षा की. आयोग ने अगले वित्तीय वर्ष में सोलर व गैर सोलर नवीकरणीय ऊर्जा 7.75% खरीदने को भी कहा है. अगले वित्तीय वर्ष में नाॅर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी को 28 और साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी को वितरण क्षति 24% तक लाने को कहा है.

Next Article

Exit mobile version