CAG की रिपोर्ट : बिहार विधानसभा में पेश, 10557 करोड़ हो गये लैप्स
पटना : वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार के बजटीय प्रावधान में से 10,557 करोड़ रुपये लैप्स कर गये. कुल बजट की 30प्रतिशत राशि सरकार खर्च नहीं कर पायी. महालेखाकार की अोर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. सीएजी की रिपोर्ट सोमवार को विधानसभा में पेश की गयी. इसके बाद […]
पटना : वित्तीय वर्ष 2015-16 में राज्य सरकार के बजटीय प्रावधान में से 10,557 करोड़ रुपये लैप्स कर गये. कुल बजट की 30प्रतिशत राशि सरकार खर्च नहीं कर पायी. महालेखाकार की अोर से सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. सीएजी की रिपोर्ट सोमवार को विधानसभा में पेश की गयी. इसके बाद महालेखाकर (आॅडिट) धर्मेंद्र कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 2015-16में राज्य का कुल बजट 1,48,312.57 करोड़ का था. इसमें से सरकार 35,013.80 करोड़ खर्च ही नहीं कर पायी. 10,557 करोड़ तो लैप्स हो गये.
24 हजार करोड़ से अधिक राज्य सरकार के खजाने में जमा हैं. इसके अलावा पिछले पांच साल के दौरान 10 विभागों में भी 50 करोड़ से अधिक की राशि बची हुई थी. सीएजी ने आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन पर भी टिप्पणी की है. रिपोर्ट में कहा गया कि करीब एक चौथाई (24 प्रतिशत) आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन ठप है. आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया जा सका है.
विधानसभा में राज्य का वित्त, राजस्व सेक्टर, सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम और सामान्य, सामाजिक और आर्थिक सेक्टर का 31 मार्च, 2016 के समाप्त हुए वित्तीय वर्ष का प्रतिवेदन विधानसभा की पटल पर रखा गया. रिपोर्ट के मुताबिक सार्वजनिक क्षेत्र की 34 कार्यरत कंपनियों के 202 अकाउंट खोले ही नहीं गये. सीएजी ने इस पर आपत्ति जतायी है और सरकार को इस विषय में सोचने को कहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में महालेखाकार (अकाउंट) एस सुरेश कुमार और उप महालेखाकार अजहर जमाल भी मौजूद थे.