बिहारशरीफ-मोकामा एनएच निर्माण की बाधा दूर

सड़क निर्माण को मिला फॉरेस्ट क्लीयरेंस पटना : बिहारशरीफ से मोकामा एनएच सड़क में फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने से सड़क निर्माण की बाधा दूर हो गयी है. पिछले एक साल से फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने से सड़क निर्माण काम में देरी हो रही थी. वन विभाग से 28 हेक्टेयर में सड़क निर्माण के लिए अनुमति मिल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 30, 2017 6:51 AM
सड़क निर्माण को मिला फॉरेस्ट क्लीयरेंस
पटना : बिहारशरीफ से मोकामा एनएच सड़क में फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने से सड़क निर्माण की बाधा दूर हो गयी है. पिछले एक साल से फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलने से सड़क निर्माण काम में देरी हो रही थी. वन विभाग से 28 हेक्टेयर में सड़क निर्माण के लिए अनुमति मिल गयी है. इसके अलावा 42 हेक्टेयर क्षेत्र में फॉरेस्ट क्लियरेंस की कार्रवाई चल रही है.
वन विभाग से सहमति मिलने के बाद अब सड़क को दस मीटर चौड़ा करने का काम शुरू हो पायेगा. इपीसी मोड में बननेवाले सड़क का एग्रीमेंट नौ सितंबर, 2015 को हुआ था. गया-मोकामा एनएच-82 का हिस्सा बिहारशरीफ-बरबीघा-मोकामा सड़क को एनएचएआइ ने टेक ओवर कर निर्माण कराने का निर्णय लिया है. 55 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण पर लगभग 400 करोड़ खर्च होंगे. सड़क निर्माण के लिए 56 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता है. एनएचएआइ ने जमीन अधिग्रहण में मुआवजा के लिए 323 करोड़ राशि स्वीकृत किया है.
एनएचएआइ द्वारा जमीन अधिग्रहण के लिए दी गयी मुआवजा राशि में लगभग 75 करोड़ राशि वितरण हुआ है. नालंदा के 13 गांव व शेखपुरा के सात गांव की जमीन अधिग्रहण होना है. नालंदा में 143 करोड़ व शेखपुरा में 180 करोड़ वितरण होना है. नालंदा में लगभग 74 करोड़ मुआवजा वितरण हो चुका है.
सड़क के दोनों किनारे बनेंगे फ्लैंक : एनएचएआइ के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि बिहारशरीफ-मोकामा टू लेन है. सात मीटर चौड़ी सड़क के दोनों किनारे डेढ़-डेढ़ मीटर फ्लैंक का निर्माण होना है. सड़क के चौड़ीकरण से वाहन के आवागमन में सहूलियत होगी.
उल्लेखनीय है कि गया-मोकामा एनएच-82 की कुल लंबाई 147 किलोमीटर है. गया से वजीरगंज, हिसुआ, राजगीर, बिहारशरीफ तक एनएच.-82 का टू लेन से फोर लेन का निर्माण होना है. निर्माण कार्य में जाइका फंडिंग कर रही है. शेष हिस्सा बिहारशरीफ-बरबीघा-मोकामा तक कुल 55 किलोमीटर का फिलहाल चौड़ीकरण होगा. काम करानेवाली एजेंसी को पुल-पुलिया, कल्वर्ट, ड्रेन आदि का भी निर्माण करना है. दो साल में पक्कीकरण का काम पूरा करने के बाद एजेंसी को चार साल तक उसका मेंटेनेंस करना है.
गया- बिहारशरीफ व पटना-गया-डोभी सड़क के टू लेन से फोर लेन बनने से बुद्धिस्ट सर्किट क्षेत्र में वाहनों के आवागमन में सहूलियत होगी. साथ ही सड़क की कनेक्टिविटी एनएच- 30 व एनएच-31 के साथ होने से सुविधा बढ़ेगी. बौद्ध पर्यटक गया से हिसुआ होते हुए राजगीर,नालंदा आने के लिए इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. बिहारशरीफ से एनएच-30 के रास्ते पटना पहुंच जायेंगे. बिहारशरीफ-बरबीघा-मोकामा होते हुए लोग आगे बरौनी की ओर निकल जायेंगे. इसकी कनेक्टिविटी एनएच-31 रजाैली-नवादा-बिहारशरीफ-बख्तियारपुर के लिए हो जायेगा.

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