बिहार को तमिलनाडु से भी महंगी मिल रही बिजली : नीतीश
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में केंद्र की पावर जेनरेशन कंपनियों पर आरोप लगाया है कि बिहार को ऊंची दर में बिजली दी जाती है, जबकि तमिलनाडु को कम दर पर बिजली मिल रही है.उन्होंने मांग की कि केंद्र की पावर जेनरेशन कंपनियां देश भर में सभी राज्यों को […]
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में केंद्र की पावर जेनरेशन कंपनियों पर आरोप लगाया है कि बिहार को ऊंची दर में बिजली दी जाती है, जबकि तमिलनाडु को कम दर पर बिजली मिल रही है.उन्होंने मांग की कि केंद्र की पावर जेनरेशन कंपनियां देश भर में सभी राज्यों को एक दर पर बिजली उपलब्ध कराएं. बिहार में एनटीपीसी प्रति यूनिट 4.80 रुपये की दर से बिजली देता है, जबकि जब राज्य सरकार बाहर से बिजली खरीदती है, तो सिर्फ तीन रुपये प्रति यूनिट की दर से देना होता है. इसलिए अगर ये कंपनियां समान दर पर बिजली उपलब्ध नहीं कराती हैं, तो केंद्र को बाजार दर पर ही बिजलीबिहार को उपलब्ध करानी चाहिए. इससे सारी समस्या का समाधान हो जायेगा. उन्होंने कहा कि जब ट्रेन से कही भी आने-जाने के लिए एक दर है, तो फिर बिजली देने की दर अलग-अलग क्यों है?
विपक्ष के विरोध पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उपभोक्ताओं की इतनी ही चिंता है, तो कम दर पर बिहार को बिजली उपलब्ध करवा दीजिए. साथ ही केंद्र से ग्रांट ही उपलब्ध करवा दीजिए. कहने से कुछ नहीं होगा. पब्लिसिटी के लिए सिर्फ विरोध करना है, इसलिए विरोध कर रहे हैं, यह सही नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा विरोध कर रही है, लेकिन वह केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से पूछे कि बिहार ने जो कदम उठाया है, यह सही है या नहीं और लोगों के हित में है या नहीं.
लोगों को एहसास होगा कि सरकार उन पर कितना कर रही खर्च
मुख्यमंत्री ने कहा कि मई से आनेवाले बिजली बिल में उपभोक्ताओं को भी मालूम होगा कि उन्हें किस लागत पर बिजली मिल रही है, सरकार कितना अनुदान दे रही है और उन्हें कितना भुगतान करना पड़ रहा है.लोगों को भी एहसास होना चाहिए कि वे जो एसी, फ्रिज, कूलर समेत कितनी बिजली का खपत कर रहे हैं और उस पर सरकार कितनी राशि दे रही है. हो सकता है उन्हें लगे कि जितनी जरूरत है, उतनी ही बिजली का उपभोग करें. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने रिफॉर्म लाया है. एक तो उपभोक्ताओं को सब जानकारी मिल सकेगी और दूसरी बिजली पहुंचानेवाली कंपनियों की कार्यक्षमता की जांच भी होगी. अगर सरकार उपभोक्ता को पैसा दे रही है, तो बिल वसूला जा रहा है या नहीं. नहीं वसूला जा रहा है, तो क्यों नहीं वसूला जा रहा.
कमिटमेंट के बाद भी केंद्र सरकार नहीं देती बकाया
मुख्यमंत्री ने कहा बिजली की दरें बढ़ रही हैं और ऐसे में दाम में तो बढ़ोतरी तो होगी ही. आसमान से तो पैसा आयेगा नहीं. कहां से पैसा आयेगा? केंद्र सरकार जो कमिटमेंट करती है, वह तो राशि देती नहीं है.बीआरजीएफ, 12वें वित्त आयोग का पैसा अब तक नहीं मिला है. लोग यहां आये और कई घोषणाएं करके गये, क्या हुआ उसका? सर्वशिक्षा अभियान में भी कमिटमेंट की गयी, पर राशि नहीं दी जा रही है. सर्वशिक्षा अभियान मद से नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान होता है, लेकिन काम तो रुकेगा नहीं. राज्य सरकार अपनी ओर से प्रबंध कर उन्हें वेतन की राशि दे रही है. अगर केंद्र पास कोई ऐसा स्रोत है, तो वह पाइप से ही राशि दे दें. राज्य सरकार के पास सीमित राशि है और उसका सही जगहों पर उपयोग करना है.
मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष में हुई नोंक-झोंक
विधान परिषद में बिजली पर सरकार के वक्तव्य के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी के बीच हल्की बहस हो गयी. सुशील मोदी ने सरकार के जवाब पर सवाल उठाया तो मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के वक्तव्य पर कोई चर्चा या बहस नहीं होती, एेसा नियम है.अगर सभापति इजाजत देंगे, तो सवाल सुने जायेंगे और उनके जवाब भी दिये जायेंगे. सुशील मोदी ने कई आपत्तियां जतायीं और जब मुख्यमंत्री उसका जवाब देने लगे, तो वे वाकआउट करने लगे. इस पर सीएम ने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है. यह तो पराकाष्ठा है. जनता तो सबकुछ समझ लेगी, लेकिन विपक्ष कुछ समझनेवाला नहीं है. उन्होंने सभापति से कहा कि सरकार के वक्तव्य के बाद सवाल करने का प्रावधान नहीं है. बावजूद इसके सवाल करने के बाद अगर विपक्ष जवाब नहीं सुनता है, तो उसे सदन से बाहर जाने से रोकना चाहिए.