दरभंगा में जिंदा जलाने का मामला : विरोध में लोगों ने किया सड़क जाम, मौके पर पहुंची पुलिस

दरभंगा : बिहार के दरभंगा जिले में दिन-दहाड़े पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला कर मार डालने की घटना को लेकर आज स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. आक्रोशित लोगों ने शहर की ओर जाने वाली सड़क को जाम कर दिया. इस घटना के बाद जिले के एसएसपी सत्यवीर कुमार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. बताया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 1, 2017 1:27 PM

दरभंगा : बिहार के दरभंगा जिले में दिन-दहाड़े पेट्रोल छिड़क कर जिंदा जला कर मार डालने की घटना को लेकर आज स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. आक्रोशित लोगों ने शहर की ओर जाने वाली सड़क को जाम कर दिया. इस घटना के बाद जिले के एसएसपी सत्यवीर कुमार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की. बताया जा रहा है कि प्रशासन की ओर से स्थिति को सामान्यकरनेका प्रयास किया जा रहा है.

जमीन विवाद में हुई घटना

मामला 25 मार्च दिन शनिवार का है, जब लहेरियासराय टावर चौक स्थित स्वीट होम के पास जमीन विवाद में एक गुट ने दूसरे गुट के युवक मनोज कुमार चौधरी की पहले पिटाई की. उसके बाद, शरीर पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, लपटें इतनी तेज थी कि जान बचाने के लिए मनोज इधर-उधर भागने लगा. किसी ने उसकी मदद नहीं की. अंत में सड़क पर जमे बारिश के पानी व कीचड़ को लपेटकर उसने किसी तरह आग बुझाई. बाद में आस-पड़ोस के दुकानदारों ने उसके शरीर से कपड़ा उतारकर उसे डीएमसीएच में भरती कराया,जहां उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए पीएमसीएच में रेफर किया गया. पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. साथ ही, स्थानीय डीएसपी ने मीडिया को बताया था कि पीड़ित का फर्द बयान ले लिया गया है.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक जिले के बहादुरपुर थाना क्षेत्र के कबिलपुर गांव के रहने वाले कृष्णकांत चौधरी व कैलाश प्रसाद गुप्ता के बीच पांच धूर जमीन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था. कोर्ट ने मामले पर स्टे लगा दिया था. दूसरी ओर, 12 मार्च की रात कैलाश प्रसाद गुप्ता ने दुकान का गेट तोड़कर हटा दिया और चहारदीवारी कर ली. इसको लेकर विवाद बढ़ा. वहीं, बाद में कृष्णकांत चौधरी ने लहेरियासराय थाने में जाकर शिकायत की. 25 मार्च को कृष्णकांत चौधरी का पुत्र मनोज चौधरी दो मजदूरों के साथ चहारदीवारी को गिराने के लिए पहुंचा. उसके बाद गुप्ता परिवार ने उसका विरोध किया और बाद में उसकी पिटाई कर उसके शरीर पर पेट्रोल फेंक कर आग लगा दी.

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