पटना: पटना के शहरी व ग्रामीण इलाकों में जमीन व फ्लैटों की रजिस्ट्री एक अप्रैल से महंगी हो जायेगी. जिलास्तरीय टीम ने सर्वे के बाद वित्तीय वर्ष 2014-15 के लिए नयी मिनिमम वैल्यू रेट (एमवीआर) तय कर ली है. प्रस्तावित एमवीआर में 20 से 30 फीसदी तक बढ़ोतरी की गयी है. इसे पटना जिले की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है, ताकि उस पर आपत्तियां ली जा सकें. इस पर कोई भी व्यक्ति 15 मार्च तक आपत्ति दर्ज करा सकता है. इसके बाद आवश्यक संशोधन कर एक अप्रैल से इसे लागू कर दिया जायेगा.
साक्ष्य के साथ आपत्ति करें : डीएम ने एमवीआर पर साक्ष्य के साथ आपत्तियां मांगी हैं. ये आपत्तियां रजिस्ट्रार के पास जमा होंगी. इन दावों की जांच डीसीएलआर, नगर निकाय के कार्यपालक पदाधिकारी व सीओ के माध्यम से करायी जायेगी. दावा-आपत्तियों का निबटारा कर सब कमेटियां जिला मूल्यांकन समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी.
नयी एमवीआर लागू होने पर लोगों को जमीन व फ्लैटों की रजिस्ट्री कराने के लिए एक से डेढ़ लाख रुपये अधिक खर्च करने पड़ेंगे. जोन पांच में आनेवाले इलाके डाकबंगला, फ्रेजर रोड, गांधी मैदान, गोरियाटोली, बोरिंग रोड, शेखपुरा, राजाबाजार आदि इलाकों में जमीन का मूल्य प्रति कट्ठा न्यूनतम 63 लाख (आवासीय सहायक रोड) से लेकर अधिकतम साढ़े 73 लाख रुपये (व्यावसायिक मेन रोड) निर्धारित किया गया है. इसके लिए रजिस्ट्री कराने में आवेदकों को प्रति कट्ठा साढ़े छह से साढ़े सात लाख रुपये का खर्च आयेगा. न्यू मार्केट, कंकड़बाग, पत्रकार नगर, बाकरगंज इलाके में 48 से 54 लाख, पाटलिपुत्र इलाके में 51 से 60 लाख, जक्कनपुर में 42 से 48 लाख, पोस्टल पार्क में 39 से 48 लाख और कदमकुआं, सैदपुर आदि इलाके में 51 से 66 लाख रुपये प्रति कट्ठा एमवीआर निर्धारित की गयी है. दीघा-राजीव नगर सहित बाइपास से सटे इलाकों जैसे बेऊर, रघुनाथ टोला में 27 से 36 लाख रुपये प्रति कट्ठा की दर होगी.
ग्रामीण इलाके में भी तीस फीसदी महंगा : ग्रामीण इलाके में भी एमवीआर तीस फीसदी तक बढ़ी है, खासकर फुलवारीशरीफ में एम्स के नजदीक पुरानी बस्ती, बैरिया संपतचक का भाग, बिहटा में चल रही परियोजनाओं के आस पास सटे इलाके में कीमतें अधिक बढ़ी हैं.