गाद पर ध्यान दे केंद्र, नहीं तो समाप्त हो जायेगी गंगा की अविरलता : सीएम नीतीश
पटना : इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आइडब्लूएआइ) ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट पर अपना प्रेजेंटेशन दिया. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय जल मार्ग को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की वास्तविक चौड़ाई घटती जा रही […]
पटना : इनलैंड वाटरवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आइडब्लूएआइ) ने शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट पर अपना प्रेजेंटेशन दिया. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित बैठक में राष्ट्रीय जल मार्ग को लेकर कई बिंदुओं पर चर्चा की गयी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी की वास्तविक चौड़ाई घटती जा रही है और गंगा में निरंतर गाद जमा (सिल्ट डिपॉजिशन) हो रही है. जब तक संपूर्ण दृष्टिकोण को देखते हुए योजना नहीं बनायी जायेगी, तब तक जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट सफल नहीं हो पायेगा.
उन्होंने कहा कि गाद पर केंद्र सरकार अगर ध्यान नहीं देगी, तो गंगा की अविरलता समाप्त हो जायेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि गंगा नदी को अविरल बनाने के लिए नेशनल सिल्टेशन मैनेजमेंट पॉलिसी बनाना जरूरी है.
इस मौके पर जल संसाधन मंत्री राजीव रजंन सिंह उर्फ ललन सिंह, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा, जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव अरूण कुमार सिंह, पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा, नगर विकास के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद, वन व पर्यावरण विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चचंल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चन्द्रा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, आइडब्लूएआइ की चेयरमैन नूतन गूहा विश्वास, आइडब्लूएआइ वाइस चेयरमैन प्रवीर पांडेय, आइडब्लूएआइ के तकनीकी सदस्य एसके गंगवार, आइडब्लूएआइ के मुख्य अभियंता एसवीके रेड्डी सहित अन्य वरीय अधिकारी और जल संसाधन विभाग के अभियंता मौजूद थे.
जमा हो रही है गाद, घट रही गंगा की चौड़ाई
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब जानते हैं कि जलमार्ग काफी उपयोगी होता है. गंगा नदी के संदर्भ में पानी के बहाव, सिल्ट डिपॉजिशन और सिल्ट मैनेजमेंट पर विशेष बल देना जरूरी है. मुख्यमंत्री ने आइडब्लूएआइ के अधिकारियों से कहा कि आप सभी स्वयं जाकर गंगा नदी को बक्सर से फरक्का तक देख लें, ताकि आप जमीनी हकीकत से अवगत हो जायें. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग की ओर से आइडब्लूएआइ के अधिकारियों को बक्सर से फरक्का तक गंगा नदी का हवाई सर्वेक्षण कराया गया.