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पीएमसीएच में कई डॉक्टर व मनोचिकित्सक डिप्रेशन के बचाव पर देंगे अपना टिप्स
पटना : हर वक्त रोने की इच्छा या दुखी होना भर डिप्रेशन के लक्षण नहीं हैं. इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम डिप्रेशन से जुड़े तत्व को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो कि हमारे लिए बेहद खतरनाक है. हर दिन बढ़ रही घटनाओं में डिप्रेशन भी एक बड़ी वजह उभर कर सामने आयी है. ये […]
पटना : हर वक्त रोने की इच्छा या दुखी होना भर डिप्रेशन के लक्षण नहीं हैं. इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हम डिप्रेशन से जुड़े तत्व को नजरअंदाज कर रहे हैं, जो कि हमारे लिए बेहद खतरनाक है. हर दिन बढ़ रही घटनाओं में डिप्रेशन भी एक बड़ी वजह उभर कर सामने आयी है.
ये बातें पीएमसीएच के प्रिंसिपल डॉ एसएन सिन्हा ने कहीं. विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर पीएमसीएच, आइजीआइएमएस, एनएमसीएच, एम्स आदि सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस बार का थीम डिप्रेशन रखा गया है. डॉ सिन्हा ने बताया कि रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि हर पांच में एक व्यक्ति डिप्रेशन की चपेट में हैं. इस आंकड़े पर डब्ल्यूएचओ भी चिंता जाहिर की है. डिप्रेशन का आंकड़ा कम हो, इसके लिए आगामी सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस पर डिप्रेशन विषय पर सेमिनार का आयोजन किया जायेगा. ताकि, जन-जन तक जागरूकता को फैलाया जा सकें.
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