भाजपा को हराने के लिए ‘बिहार जैसा महागठबंधन” जरूरी : नीतीश कुमार

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भाजपा के चुनावी मुहिम को रोकने के लिए ‘बिहार जैसा महागठबंधन’ पर जोर देते हुए कांग्रेस और वामदलों से इसके लिए पहल करने को कहा है. पटना में आयोजित लोकसंवाद के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 3, 2017 8:47 PM

पटना : बिहार के मुख्यमंत्री सह जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने भाजपा के चुनावी मुहिम को रोकने के लिए ‘बिहार जैसा महागठबंधन’ पर जोर देते हुए कांग्रेस और वामदलों से इसके लिए पहल करने को कहा है. पटना में आयोजित लोकसंवाद के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत का मुख्य कारण उसके खिलाफ बिहार जैसा महागठबंधन की कमी का होना है. अगर आप उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा के मत को जोड़ें तो वह भाजपा से 10 प्रतिशत अधिक है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भाजपा की राजनीतिक मुहिम को रोकने के लिए बिहार जैसा महागठबंधन को समाधान बताते हुए कहा कि इसको लेकर कांग्रेस और वामदलों को पहल करनी चाहिए. नीतीश ने कहा कि बड़ा दल होने के कारण यह दायित्व कांग्रेस का बनता है कि वह सभी गैर भाजपायी दलों को एक प्लेटफार्म पर लाएं.

नीतीश कुमार ने इस संबंध में कुछ वामदल नेताओं से बात की थी और हम आशा करते हैं कि वे वर्ष 2019 में भाजपा नीत राजग को सत्ता से बाहर करने के लिए पहल करें. जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय स्तर पर बिहार जैसा महागठबंधन के ‘महासफल’ होने की बात करते हुए कहा कि पांच राज्यों का मिश्रित परिणाम होने के बावजूद भाजपा बेवजह आनंदविभोर हो रही है.

पांच राज्यों में हुये विधानसभा चुनाव के संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि चुनाव हर साल कहीं न कहीं होता है. भाजपा तो दिल्ली में हारी, बिहार में हारी थी. पांच राज्यों के चुनाव में दो जगह सफलता मिली, पंजाब में हार गये, गोवा में बड़ी पार्टी कांग्रेस थी और मणिपुर में भी बड़ी पार्टी कांग्रेस थी. उन्होंने कहा कि यह बात अलग है कि दो राज्यों में जोड़तोड़ की बदौलत सरकार बनाने में कामयाब हो गये लेकिन जो जनता का बहुमत है अगर उसके हिसाब से आप देखेंगे तो एक राज्य में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनी और दो राज्यों में सबसे बड़ी पार्टी उभरकर सामने आयी. अलग-अलग राज्यों में अलग अलग परिस्थिति होती है.

उन्होंने कहा कि एक बात तो दिखाई पड़ती है कि जहां विपक्ष में एकता होती है वहां बेहतर परिणाम आते हैं. जो पार्टी जनता के बीच में उभरती है उसको सफलता मिलती है. जैसे दिल्ली में आम आदमी पार्टी को सफलता मिली़ पंजाब में कांग्रेस को सफलता मिली. जहां तक उत्तर प्रदेश का प्रश्न है तो अगर यूपी में व्यापक विपक्षी एकता होती तो परिणाम कुछ और आता. सपा-कांग्रेस को जितना वोट आया और बसपा को जितना वोट आया उसको अगर मिला दिया जाये तो भाजपा और उनके सहयागियों को जितना वोट आया उससे 10 प्रतिशत ज्यादा वोट है इसीलिए विपक्ष में एकता भी एक बड़ी चीज होती है.

ईवीएम में छेड़छाड़ के संदर्भ में पूछे गये प्रश्न पर नीतीश ने कहा कि अगर कहीं आशंका है तो उसका समाधान करना चाहिए. दिल्ली नगर निगम के चुनाव के संदर्भ में पूछे गये एक प्रश्न के उत्तर में नीतीश ने कहा कि यह कोई महत्वपूर्ण चुनाव नहीं है. इससे आप महागठबंधन की एकता को नहीं जोडें. यह एक स्थानीय चुनाव है.

जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना पर पूछे गये प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस देश की मूल विचारधारा सदभावना का सहिष्णुता का है. समाज में जितनी बुराइयों हैं उससे आजादी जरुरी है.

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