मैं सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में मां आयी

!!अमिताभ श्रीवास्तव!! पटना सिटी : शायर मुन्नवर राणा का एक शेर … किसी के हिस्से में मकान आया, किसी के हिस्से में दुकान, मैं सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में मां आयी, सोमवार को जीवंत हो उठा. 65 वर्षीय सुनील कुमार सिन्हा को दो सगे भाइयों व पत्नी ने ठुकरा दिया है. महज दो दिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 4, 2017 6:22 AM
!!अमिताभ श्रीवास्तव!!
पटना सिटी : शायर मुन्नवर राणा का एक शेर … किसी के हिस्से में मकान आया, किसी के हिस्से में दुकान, मैं सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में मां आयी, सोमवार को जीवंत हो उठा. 65 वर्षीय सुनील कुमार सिन्हा को दो सगे भाइयों व पत्नी ने ठुकरा दिया है. महज दो दिन पहले बाइक की टक्कर से पैर टूटने के बाद श्री गुरु गोबिंद सिंह अस्पताल की ड‍्योढ़ी पर पड़ा इलाज की आस लगाये तड़प रहा था.
चिकित्सकों ने पैर में पट्टी बांध छोड़ दिया था. दर्द से तड़पता-कराहता विक्षिप्त सोमवार को वार्ड 60 के पार्षद बलराम चौधरी ने खाजेकलां थाना पुलिस के सहयोग से मिशनरी ऑफ चैरिटी ग्राम विष्णुदत्त पोस्ट पताही मुजफ्फरपुर एंबुलेंस से भेजा. पार्षद ने खुद सनहा दर्ज कराया और उसे एंबुलेंस से अनाथालय भेजा.
मां की मौत के बाद उजड़ गयी दुनिया
पार्षद बलराम चौधरी ने बताया कि कोर्टगस्त पुलिस चौकी के पीछे चमरू जी के मकान में वह किराये पर मां के साथ रहता था. खुद प्लास्टिक की फैक्टरी में काम कर अपना व मां का पेट भरता था.
पार्षद की मानें, तो उसे पत्नी छोड़ चुकी थी. पांच साल पहले मां की मौत के बाद उसकी दुनिया उजड़ गयी. मानसिक स्थिति धीरे-धीरे बिगड़ने लगी. इसके बाद वह इधर-उधर मांग कर खाता और सड़क पर जीवन गुजारता. पार्षद ने बताया कि जब उसकी स्थिति ज्यादा बिगड़ी, तो हमाम व ग्वाल टोली मुहल्ले में रहनेवाले दोनों सगे भाइयों को सुनील की स्थिति से अवगत कराया. उन लोगों ने रखने से इनकार कर दिया. इसके बाद लावारिस पड़े विक्षिप्त सुनील कुमार सिन्हा को थाना में सनहा दर्ज करा अनाथालय भेजा गया.
पार्षद के अनुसार 65 वर्षीय विक्षिप्त को सामाजिक सुरक्षा पेंशन स्वीकृत है, लेकिन नयी प्रणाली के तहत मानसिक संतुलन खोने की स्थिति में बैंक खाता नहीं खुल पा रहा है. इस कारण से स्वीकृत पेंशन नहीं मिल पायी है.

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