कागज पर बनाया खजुरी पंचायत को ओडीएफ!

पटना : क्या प्रखंड के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के कारण दानापुर अनुमंडल के नाैबतपुर प्रखंड की खजुरी पंचायत को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया, जिस गांव के 95 फीसदी घरों में शौचालय नहीं हैं उस पूरी पंचायत को ओडीएफ घोषित कर वाहवाही बटोर ली गयी. इसके लिए केंद्रीय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 7, 2017 6:40 AM
पटना : क्या प्रखंड के अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत के कारण दानापुर अनुमंडल के नाैबतपुर प्रखंड की खजुरी पंचायत को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया, जिस गांव के 95 फीसदी घरों में शौचालय नहीं हैं उस पूरी पंचायत को ओडीएफ घोषित कर वाहवाही बटोर ली गयी. इसके लिए केंद्रीय मंत्री सह सांसद रामकृपाल यादव का सहारा भी लिया गया. यह सवाल गुरुवार को एसोसिएशन फॉर स्टडी एंड एक्शन यानी आसा ने उठाये हैं.
एसोसिएशन के अध्यक्ष और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री नवल किशोर चौधरी ने कहा कि जब हमारी टीम के तीन सदस्यों ने नौबतपुर की खजुरी पंचायत में शौचालय निर्माण की वस्तुस्थिति का मुआयना किया, तो पता चला कि 95 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं हैं. शौचालय निर्माण योजना के तहत अभी तक 15 प्रतिशत घरों में भी शौचालय नहीं बना है. वार्ड संख्या एक, पांच और छह के एक भी परिवार में शौचालय नहीं है. इसके बाद भी 25 मार्च को केंद्रीय मंत्री सह सांसद रामकृपाल यादव को बुला कर ओडीएफ घोषित भी करा लिया गया.
इसमें प्रखंड के प्रमुख, जिला पर्षद के सदस्य और उन वार्ड पार्षदों को भी नहीं बुलाया गया, जो अपने इलाके का प्रतिनिधित्व करते हैं.श्री चौधरी ने बताया कि प्रखंड की प्रमुख जब विरोध के लिए गयीं, तो उस वक्त उन्हें अपमानित किया गया और बाद में बीडीओ वर्षा तरवे द्वारा प्रमुख पर अभद्रता और मारपीट का केस भी कर दिया गया. संस्था के सचिव डॉ अनिल कुमार राय ने वार्ड छह के सदस्य अमर महतो और बीडीओ के बातचीत का अंश भी सुनाया जिसमें बीडीओ कह रही हैं कि जल्दी शौचालय बना लिया जायेगा, इसके बाद अगली विकास की योजनाएं आयेंगी. इसके बाद 20 मार्च के डेट में शौचालय निर्माण पूरा हो चुका है, कह कर हस्ताक्षर करवा लिया गया. अभी वहां वस्तुस्थिति है कि डीएम के आने की सूचना पर 15 शौचालयों को जल्दीबाजी में बनवाया गया. इसकी उच्चस्तरीय जांच की मांग भी की गयी है.

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