पटना : राज्य में सात निश्चय की योजनाओं को तेज गति से अमलीजामा पहनाने के लिए ऑपरेटर से एक्सपर्ट तक 600 लोगों की नियुक्ति की जायेगी. सभी विभागों के अंतर्गत संचालित योजनाओं के लिए अलग-अलग स्तर के एक्सपर्ट की नियुक्ति मई के अंत करने की योजना है. शुक्रवार को बिहार विकास मिशन की कार्यकारिणी की पांचवीं बैठक मुख्य सचिवालय के सभागार में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई. इसमें सात निश्चय में शामिल सभी योजनाओं की गति तेज करने पर विचार-विमर्श किया गया.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि इस बार ‘आर्थिक हल युवाओं को बल’ पर खासतौर पर जोर दिया जाये. इसके लिए स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड और सीएम स्वयं सहायता भत्ता योजना पर फोकस किया जाये. साथ ही नये वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए विकास मिशन में 175 करोड़ के बजट को मंजूरी दी गयी. पिछले वर्ष मिशन के कार्यक्रमों पर 34 करोड़ से ज्यादा रुपये खर्च हुए थे. जिला और विभाग के स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट
बैठक में यह तय किया गया कि सात निश्चय की योजनाओं का जिन संबंधित विभागों के माध्यम से क्रियान्वयन होना है, उनमें बड़े स्तर पर लोगों की बहाली की जायेगी, ताकि योजनाओं को गति मिल सके और इनकी लगातार मॉनीटरिंग हो सके. इसके लिए संबंधित विभागों और जिला स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) तैयार किये जायेंगे. इनमें डाटा इंट्री ऑपरेटर से लेकर एक्सपर्ट तक 600 लोगों की नियुक्ति होगी. इसकी प्रक्रिया अप्रैल के अंत से शुरू करने और मई के अंत तक इसे पूरी कर लेने की योजना है. नियुक्ति के लिए पांच एजेंसियों का चयन किया जायेगा. तीन चरणों में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की जायेगी. डाटा ऑपरेटरों का वेतन 17 हजार, डाटा एनालिस्ट का वेतन 50 हजार और एक्सपर्ट का वेतन एक लाख 56 हजार तक होगा.