प्रतिनिधिमंडल का कहना था कि प्रदेश में कुल 30,000 लाइसेंसी दवा दुकानें हैं, जबकि इसकी तुलना में सिर्फ 7000 फार्मासिस्ट हैं. ऐसे में जिन दुकानों पर फार्मासिस्ट नहीं होंगे, वे बंद हो जायेंगे. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए. वहीं, प्रधान सचिव ने दवा व्यापारियों को आश्वासन दिया कि लाइसेंस बनाने की ऑनलाइन सिस्टम विकसित होने के बाद नये निर्देश पर विचार किये जायेंगे. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष परसन कुमार सिंह ने बताया कि कितने फार्मासिस्ट हैं और कितने की कमी है साथ ही क्या परेशानी आ रही है.
इसमें करीब डेढ़ से दो महीने का समय लगेगा. इसके बाद फैसला आयेगा, तब तक प्रधान सचिव ने हमारी मांग मान ली है. उम्मीद है कि आगे भी हमारी मांगों पर विचार किया जायेगा.