नवजात की मौत पर हंगामा
एक ही बॉक्स में दो शिशुओं को रखने का लगाया आरोप सुरक्षा प्रहरियों ने हस्तक्षेप कर मामला कराया शांत पटना सिटी : नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भरती नवजात बालिका की मौत पर सोमवार को परिजनों ने हंगामा मचाया. हंगामा पर उतरे परिजन उपचार में लापरवाही बरतने व नर्स […]
एक ही बॉक्स में दो शिशुओं को रखने का लगाया आरोप
सुरक्षा प्रहरियों ने हस्तक्षेप कर मामला कराया शांत
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल काॅलेज अस्पताल के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में भरती नवजात बालिका की मौत पर सोमवार को परिजनों ने हंगामा मचाया. हंगामा पर उतरे परिजन उपचार में लापरवाही बरतने व नर्स की ओर से एक ही बाॅक्स में दो शिशुओं को रखे जाने का आरोप लगा रहे हैं.
परिजनों का कहना है कि दो बच्चों को एक साथ रखने से संक्रमण हुआ, जो मौत का कारण बना. हालांकि बाद में परिजनों को बाद में अस्पताल के सुरक्षा प्रहरियों व पुलिसकर्मियों ने समझा-बुझा कर शांत कराया. अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा नया नहीं है. इससे पहले भी हंगामा हो चुका है.
क्या है मामला : दरअसल आलमगंज थाना के दादर मंडी गुलजारबाग मुहल्ले में रहनेवाले मुकेश कुमार की पत्नी नंदा देवी ने बीते 27 मार्च को गायघाट स्थित निजी नर्सिंग होम में बच्ची को जन्म दिया था. नवजात की तबीयत बिगड़ने की स्थिति में उपचार के लिए परिजनों ने नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के शिशु रोग विभाग की ओर से संचालित नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में उसे भरती कराया. नवजात की मौत रविवार की मध्य रात्रि को ही हो गयी थी. सुबह परिवार के लोग पहुंचे और जानकारी मिली, तो लोग आक्रोशित हो गये और हंगामा शुरू कर दिया.
इलाज में नहीं बरती गयी कोताही : शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अलका सिंह की यूनिट में ही नवजात भरती थी. विभागाध्यक्ष का कहना है कि बच्ची की हालत शुरू से ही गंभीर थी. हालांकि परिवारवालों का कहना है कि रात को बच्ची ठीक थी. रात में ही नर्स ने उसी बाॅक्स में दूसरे नवजात को रख दिया, जिससे संक्रमण हो गया. इसी से मौत हुई. जबकि विभागाध्यक्ष ऐसी बात से इनकार करती हैं.
मरीज की मौत मामले में नहीं हुआ मुकदमा
बाढ़ : बाढ़ के वाजिदपुर रोड में निजी क्लीनिक में आॅपरेशन के दौरान हुई मरीज की मौत के मामले में चिकित्सक और परिजनों के बीच समझौता हो जाने के कारण पुलिस ने कानूनी कार्रवाई नहीं की. थानाध्यक्ष ने बताया कि इस मामले में परिजनों द्वारा चिकित्सक के खिलाफ लिखित शिकायत नहीं दी गयी है, जिसके कारण कार्रवाई नहीं की गयी है.