स्मृति शेष : डॉ मिथिलेश कुमारी, सादा जीवन और उच्च विचार आदर्श वाली सहृदय महिला

डॉ मिथिलेश कुमारी मिश्र सादा जीवन उच्च विचार वाली सह्दय महिला रहीं. सदैव दूसरों की मदद, उनके दुखों और परेशानियों को दूर करने का उन्होंने जैसे संकल्प ले लिया था. 2006 से मैं उनके निकट आया. साहित्यिक गोष्ठियों और रंगमंचीय कार्यक्रमों में एक दूसरे से चेहरे से अवश्य परिचित थे. जब उन्होंने पूछा कि इन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 11, 2017 6:35 AM
डॉ मिथिलेश कुमारी मिश्र सादा जीवन उच्च विचार वाली सह्दय महिला रहीं. सदैव दूसरों की मदद, उनके दुखों और परेशानियों को दूर करने का उन्होंने जैसे संकल्प ले लिया था. 2006 से मैं उनके निकट आया. साहित्यिक गोष्ठियों और रंगमंचीय कार्यक्रमों में एक दूसरे से चेहरे से अवश्य परिचित थे. जब उन्होंने पूछा कि इन दिनों क्या कर रहे हैं, तब मैंने कहा प्राकृत भाषा में एमए करने के बाद पउमचरियंग तथा वाल्मीकि रामायण का तुलनात्मक अध्ययन पर शोध कार्य कर रहा हूं. गति धीमी है. तत्काल उन्होंने कहा मैं आपकी मदद के लिए सदैव तैयार हूं. पूरा चैप्टर उन्हीं को दिखाता रहा. संशोधन के बाद वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के प्राकृत विभागाध्यक्ष से स्वीकृति पाता रहा और मुझे पी–एचडी की डिग्री 2011 में मिली. मेरे शैक्षणिक योग्यता की वृद्धि के लिए आजीवन मैं उनका कृतज्ञ हूं.
डॉ. मिश्र आज के छल–कपट से सदैव दूर रहीं. सभी से मित्रवत व्यवहार बनाएं रहीं. हिंदी, संस्कृत, प्राकृत में साहित्य लेखन करती रहीं. थाई भाषा में रचित ‘रामकियेन’ के आधर पर डॉ. सत्यव्रत शास्त्री का ‘रामकीर्तिमहाकाव्यम्’ (संस्कृत) का हिन्दी में पद्यानुवाद किया, जिसके लिए थाईलैंड की सरकार ने उन्हें अपने देश में आमंत्रित कर सम्मानित किया. नाटककार डॉ. चतुर्भुज द्वारा 1952 ई. में स्थापित रंग संस्था ‘मगध कलाकार’ का 2010 ई. से अध्यक्ष रहीं और पग–पग पर रंगकर्मियों को मार्ग दर्शन देती रहीं.
आठ वर्षों तक अखिल भारतीय ऐतिहासिक नाट्य महोत्सव की सपफलता के लिए बिहार का रंगकर्मी सदैव उस महान विदुषी का आभारी रहेगा. बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन से जुड़ी रह कर युवा साहित्यकारों को साहित्य रचना के लिए प्रेरित करती रहीं. तमिल भाषी और चेन्नई इंडियन एयरलाइन्स लि0 की सहायक प्रबंधक (राजभाषा) डॉ. रमा लक्ष्मीनरसिंहन ने ‘डॉ. मिथिलेश कुमारी मिश्र : व्यक्तत्वि और कृतित्व’ पर शोध् कार्य पूरा कर पी–एचडी की डिग्री प्राप्त की.
प्रस्तुति : डॉ अशाेक प्रियदर्शी, उद्घोषक सह सचिव, मगध कलाकार

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