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VIDEO : हे ‘प्रभु ’ यह बिहार है! कभी चाय पीने तो कभी नहाने- खाने के लिए रोक दी जाती है ट्रेन..

मंगलेश तिवारी बक्सर: दानापुर-मुगलसराय रेलमार्ग पर खासकर पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन सच में भगवान भरोसे है. मंगलवार को बक्सर स्टेशन पर ऐसा ही कुछ हुआ. जब एक पैसेंजर ट्रेन ड्राइवर के इंतजार में दो घंटे तक अप प्लेटफॉर्म पर खड़ी रही. ट्रेन के ड्राइवर एमके सिंह नहाने-खाने के लिए चले गए थे. इस बात की […]

मंगलेश तिवारी

बक्सर: दानापुर-मुगलसराय रेलमार्ग पर खासकर पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन सच में भगवान भरोसे है. मंगलवार को बक्सर स्टेशन पर ऐसा ही कुछ हुआ. जब एक पैसेंजर ट्रेन ड्राइवर के इंतजार में दो घंटे तक अप प्लेटफॉर्म पर खड़ी रही. ट्रेन के ड्राइवर एमके सिंह नहाने-खाने के लिए चले गए थे. इस बात की जानकारी पैनल कंट्रोलर तक को नहीं थी. लिहाजा ट्रेन का सिग्नल 12 बजकर 21 मिनट पर दे दिया गया. लेकिन, जब ट्रेन 20 मिनट बाद भी स्टेशन से नहीं खुली. तो, पैनल कंट्रोलर ने अनाउंस कराया कि पटना से मुगलसराय जाने वाली 63227 अप के ड्राइवर साहब ट्रेन का सिग्नल हो गया है, गाडी स्टार्ट करें. लेकिन, ड्राइवर और गार्ड तो ट्रेन में थे ही नहीं. फलस्वरूप, गाड़ी ज्यों की त्यों खड़ी रही. इस बीच यात्रियों ने पैनल रूम में जाकर आक्रोश जताया तो पैनल कंट्रोलर जितेंद्र कुमार प्रसाद ने फिर अनाउंस करवाया कि उक्त ट्रेन के ड्राइवर खाना खाने चले गये हैं.



दूसरी ट्रेनें हुई प्रभावित

पैसेंजर ट्रेन डाउन लाइन के 2 नंबर प्लेटफॉर्म पर खड़ी थी. इस वजह से पटना-अहमदाबाद व राजेंद्रनगर लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस को प्लेटफॉर्म संख्या तीन से गुजरी. इस मामले में पैनल कंट्रोलर जितेंद्र कुमार प्रसाद ने बताया कि ड्राइवर और गार्ड के नहीं रहने से ट्रेन खुलने में विलंब हुआ है. रेलवे स्टेशन पर दर्ज समय के मुताबिक 63227 अप अपने निर्धारित समय 11:00 बजे से 5 मिनट पूर्व 10:55 में ही पहुंची थी. जिसे निर्धारित समयानुसार 11:05 में खुलना था. लेकिन, बक्सर स्टेशन पर यह ट्रेन 2 घंटे 12 मिनट तक खड़ी रही. यात्रियों के आक्रोश के बाद किसी तरह ड्राइवर को बुलाया गया. ट्रेन बक्सर स्टेशन से 1 बजकर 17 मिनट पर रवाना हुई.



ड्राइवर की हो गयी बोलती बंद


स्टेशन पर बिना वजह 2 घंटे से भी अधिक देर तक ट्रेन रोकने के बाद पैसेंजर आक्रोशित हो गये. ट्रेन के इंजन के पास पहुंचे लोगों ने जमकर हंगामा मचाया. ट्रेन के ड्राइवर जब इंजन के पास पहुंचे तो लोगों ने अपने मोबाइल से वीडियो भी बनाना शुरू कर दिया. इस दौरान लोगों ने ड्राइवर से देर हो जाने का कारण पूछा तो ड्राइवर ने हॉर्न बजाते हुए बस इतना कहा कि बैठिये अब ट्रेन खुल रही है. बक्सर में रेल नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ट्रेन रोककर यात्रियों के समय से खिलवाड़ करना कोई नई बात नहीं है. बीते, 25 मार्च को भी बक्सर के इटाढ़ी रेलवे क्रासिंग पर इंजन रोक चाय पीने के लिए ड्राइवर ने सहायक चालक को उतार दिया था. इसके बाद क्रासिंग पर जाम लग गया था. जाम में फंसे लोगों ने उस दौरान हंगामा भी किया था. हालांकि, इस बाबत किसी भी तरह की लिखित इंट्री स्टेशन के मेमो में नहीं की गयी थी.



पीआरओ ने कहा- मालूम नहीं

पूरे मामले पर दानापुर डीआरएम के पीआरओ आरके सिंह ने कहा कि किसी और कारण से ट्रेन रोकी गयी होगी. अगर ड्राइवर की वजह से ट्रेन रुकी है तो मामले की जांच करने के बाद कार्रवाई होगी.



भगवान भरोसे पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन

आपने अजय देवगन वाली फिल्म ओमकारा देखी होगी, जिसमें ट्रेन में सफर कर रहे नेता जी ट्रेन को वापस मोड़ लेने के लिए कहते हैं. कुछ इसी अंदाज में रेलवे के ड्राइवर बक्सर में कभी चाय पीने के लिए इंजन रोकते हैं तो कभी नहाने-खाने के लिए पूरी ट्रेन ही रुकवा देते हैं. इस तरह की मनमानी से आये दिन यात्री भले ही फजीहत झेलते हैं लेकिन, इस मामले में शायद ही रेलवे ने कभी कोई कार्रवाई की हो. मंगलवार को भी बक्सर स्टेशन पर 63227 अप पटना-मुगलसराय पैसेंजर को प्लेटफॉर्म पर रोककर ड्राइवर नहाने-खाने चला गया. यात्री इस पेसोपेश में पड़े रहे कि ट्रेन किसी तकनीकी खराबी के कारण रुकी हुई है. लेकिन, हकीकत तो यह था कि ड्राइवर साहब के नहाने-खाने के लिए ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर रोककर रखा गया था.

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