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मीटिंग में मेहमान तो पहुंचे पर मेजबान ही रहे गायब

पटना : एक तरफ सरकार दिव्यांगों के विकास के लिए जल्द नयी दिव्यांग नीति लागू करने की कवायद कर रही है. वहीं, दूसरी ओर दिव्यांगों के विकास के लिए असंवेदनशील रवैया अपना रही है. यही वजह है कि बीते तीन दिनों से पटना पहुंचे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिव्यांग के विशेष प्रतिवेदक प्रसन्न कुमार पिंचा द्वारा […]

पटना : एक तरफ सरकार दिव्यांगों के विकास के लिए जल्द नयी दिव्यांग नीति लागू करने की कवायद कर रही है. वहीं, दूसरी ओर दिव्यांगों के विकास के लिए असंवेदनशील रवैया अपना रही है.
यही वजह है कि बीते तीन दिनों से पटना पहुंचे राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग दिव्यांग के विशेष प्रतिवेदक प्रसन्न कुमार पिंचा द्वारा आयोजित विभिन्न विभागों के प्रधान सचिवों के साथ अायाेजित मीटिंग में एक भी पदाधिकारी उपस्थित नहीं हो सके. अाश्चर्य की बात तो यह हो गयी कि दिव्यांगों के विकास के लिए नामित विभाग समाज कल्याण की सचिव वंदना किन्नी भी नहीं पहुंच सकीं. ऐसे में दिल्ली से अाये मेहमान की मेजबानी करनेवाले सिर्फ पदाधिकारी ही उपस्थित पाये गये.
मीटिंग में नहीं पहुंचे पदाधिकारी : प्रभात खबर द्वारा विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि दिव्यांगों के लिए बने नये कानून के संबंध में जानकारी देने और उनकी स्थिति का जायजा लेने के उद्देश्य से बुधवार को समाज कल्याण के नि:शक्त आयुक्त कार्यालय में सभी विभागों के प्रधान सचिवों की बैठक बुलायी गयी थी. पर मीटिंग में आधे घंटे तक इंतजार करने के बाद भी लोग नहीं पहुंच सके और न ही किसी प्रतिनिधि को भेजा गया, जबकि बीते तीन दिनों से मैं पटना में हूं.
इसकी सूचना भी विभाग को अाठ दस दिन पहले दी गयी थी. बावजूद इसके समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अनदेखी कर रहे हैं. ऐसे में दिव्यांगों के विकास का जिम्मा उठानेवाले विभाग के पदाधिकारियों की अरुचि से अंदाजा लगाया जा सकता है कि वे दिव्यांग विकास के लिए कितना संवेदनशील हैं.
प्रश्नावली के जवाब में दिया गलत उत्तर : उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार की ओर से दिव्यांगों के लिए संचालित योजनाओं से संबंधित एक प्रश्नावली भेजी गयी थी. जिसके सही उत्तर देने थे.
विभाग द्वारा सौंपी गयी प्रश्नावली रिपोर्ट में ज्यादातर उत्तर गलत रहे. इस संबंध में पूछा गया, तो कर्मचारी विभाग को इतनी जानकारी भी नहीं है कि वर्तमान में नि:शक्त विभाग आयुक्त कौन हैं? उत्तर में वंदना किन्नी का नाम दर्ज है. ऐसे में अब दोबारा से सही उत्तर दिया गया है. यह भी बताया कि वे कई राज्यों में भ्रमण करने जाते हैं. अब तक बिहार ऐसा राज्य रहा है, जहां पर दिव्यांगों के प्रति असंवेदनशील रवैया देखने को मिला है.

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