वेंडिंग जोन कानून का हो पालन

पटना : नगर निकाय चुनाव की तिथि घोषित होते ही लोगों की आकांक्षाएं, उम्मीदें भी बढ़ने लगी हैं. वे नयी नगर सरकार से यह उम्मीद रख रहे हैं, कि जो पूर्व की सरकार नहीं कर पायी वह नयी नगर सरकार करे. फुटपाथ महिला दुकानदारों को भी नयी नगर सरकार से काफी उम्मीदें हैं. सड़क किनारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 14, 2017 6:58 AM
पटना : नगर निकाय चुनाव की तिथि घोषित होते ही लोगों की आकांक्षाएं, उम्मीदें भी बढ़ने लगी हैं. वे नयी नगर सरकार से यह उम्मीद रख रहे हैं, कि जो पूर्व की सरकार नहीं कर पायी वह नयी नगर सरकार करे. फुटपाथ महिला दुकानदारों को भी नयी नगर सरकार से काफी उम्मीदें हैं.
सड़क किनारे फुटपाथ पर दुकान से जीविका चलानेवाले पटना जिले के 14 हजार फुटपाथ दुकानदारों में महिलाओं की संख्या चार हजार है. ऐसे में इन फुटपाथ महिला दुकानदारों को नयी नगर सरकार से उम्मीदें हैं. वे चाहती हैं कि जो नयी नगर सरकार बननेवाली है, वह वर्ष 2014 में बने फुटपाथ दुकान जीविका संरक्षण एवं रोजगार विनियमन का पालन करे. कानून के अंतर्गत बनी टाउन वेंडिंग कमेटी के तहत नियमित बैठक कर फुटपाथी दुकानदारों को लाभ प्रदान करे.
दुकानदारों को हटाने से एक माह पूर्व सूचना दे सरकार : चंद्रकला देवी
अपनी उम्मीदों के बारे में स्ट्रीट वेंडर टाउन लेवल फेडरेशन की उपाध्यक्ष चंद्रकला देवी कहती हैं कि कानून बने तीन साल हो गये हैं. पर इसका विशेष लाभ फुटपाथ दुकानदारों को नहीं मिल पा रहा है. नगर सरकार कभी अतिक्रमण के नाम पर, तो कभी सड़क चौड़ीकरण और कंस्ट्रक्शन के नाम पर आये दिन उन्हें हटाती रहती है. इससे फुटपाथ दुकानदारों के सामानों की क्षति तो होती ही है, बल्कि उनके जीवन भर की कमायी पूंजी भी खत्म हो जाती है. ऐसे में सरकार इसके लिए बने कानून के तहत हटाने से एक माह पूर्व सूचना दे. दूसरी जगह पर वेंडिंग जोन प्रदान करने का काम करे, ताकि फुटपाथ दुकानदारोंं की जीविका चलती रहे.
आज गांधी मैदान के 500 फुटपाथी दुकानदार घर में बैठे हैं : शीला देवी
स्ट्रीट वेंडर टाउन लेवल फेडरेशन की कार्यकारिणी की सदस्या शीला देवी कहती हैं, कि हाल में कन्वोकेशन सेंटर और गुरु पर्व के दौरान हजाराें फुटपाथ दुकानों को हटा दिया गया है. इससे वह बेरोजगारी का जीवन जी रहे हैं. कई घरों में बच्चे भूखे सो रहे हैं, तो कइयों के इलाज तक के पैसे नहीं है. गांधी मैदान में 500 फुटपाथ दुकानदार आज घर में बैठे हैं.
उन्हें सामान रखने तक के लिए जगह मुहैया नहीं करायी गयी. इससे उनकी जीवन भर की पूंजी भी बरबाद हो रही है. फूल-पत्ती का व्यवसाय करनेवाले लोगों ने मिट्टी के भाव पेड़-पौधों को बेच दिया. ऐसे में नयी नगर सरकार से यह उम्मीद है कि कम-से-कम वेंडिग जोन कानून का पालन करते हुए फुटपाथ दुकानदारों को राेजगार मुहैया कराये.

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