पटना: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके बेटों पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार के आरोपों के मामले में शनिवार को राजद को बड़ी राहत मिली जब महागंठबंधन के एक धड़ा कांग्रेस दबी जुबां से ही सही उसके बचाव में आयी. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सरकार में शिक्षा और आइटी मंत्री डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि यह नहीं होगा कि सुशील मोदी कोई एजेंडा सेट करेंगे और हम उसका जवाब देंगे.
गांधी संग्रहालय में एक समारोह से बाहर निकलते समय संवाददाताओं ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के परिवार पर भ्रष्टाचार के लग रहे आरोपों से संबंधित सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि यदि सुशील मोदी के आरोपों में दम है तो उन्हें जांच एजेंसियों के समक्ष जाना चाहिए. यह नहीं होगा कि वह कोई एजेंडा सेट करें और हम उसका जवाब देते चलें. इसी समारोह में शामिल उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने अपने परिवार पर लगे आरोपों के जवाब में इतना भर कहा कि हमारा जवाब वही है जो शनिवार को पार्टी के प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने कहा है.
क्या है मामला : राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद चारा घोटाले के बाद एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर हैं. भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने उन पर रेल मंत्री के दौरान अथाह संपत्ति एकत्र करने, बीयर फैक्ट्री के शेयर खरीदने और बेटे तेज प्रताप के 20 साल की उम्र में 55 लाख की जमीन खरीदने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं दानापुर में जिस जमीन पर लालू परिवार का माल बन रहा है उसकी मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान को बेचने का भी सुशील कुमार मोदी ने आरोप लगाया है. ऐसा नहीं है कि लालू प्रसाद पहली बार आरोपों से घिरे हैं. चारा घोटाले में उन्हें आरोपी बनाया गया था.
इस बार उनका पुरा कुनबा लपेटे में है. रेल मंत्री के तौर पर उनके निर्णयों को निशाना बनाया गया है. विपक्ष के नेता सुशील मोदी कह रहे हैं कि रांची और पुरी की रेलवे होटलों को लीज पर देने के एवज में लालू प्रसाद को दानापुर की कीमती दो एकड़ जमीन मिली. जिसे उन्होंने अपने दल के सांसद प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी के नाम रजिस्ट्री करायी. बाद में कंपनी बनाकर उसके सारे शेयर राबड़ी देवी और दोनों बेटों के नाम ट्रांसफर करा लिया. इसी जमीन पर राजद विधायक अबु दोजाना की कंपनी बिहार का सबसे बड़ा माल बना रही है.
गौरतलब है कि चारा घोटाले में जो लोग सूचक बने थे उनमें से कम से कम दो व्यक्ति राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और शिवानंद तिवारी फिलहाल लालू प्रसाद के साथ किसी न किसी रूप में खड़े हैं. जदयू नेता ललन सिंह महागंठबंधन की सरकार में वरिष्ठ मंत्री हैं और शिवानंद तिवारी ने राजनीति से सन्यास ले लिया है. लेकिन, उनके बेटे राहुल तिवारी लालू प्रसाद की पार्टी के विधायक हैं. दिलचस्प यह है कि लालू प्रसाद और उनके परिवार पर सुशील मोदी लगातार हमलावर हैं. पर, उनके महागंठबंधन का कोई बड़ा नेता उनकी बचाव में अब तक सामने नहीं आया था.
संपत्ति को लेकर बचाव के मुद्रा में आये लालू प्रसाद ने सुशील मोदी पर मानहानि का मुकदमा करने से मना कर दिया है. वहीं, अपने दल के नेता व प्रवक्ताओं को भाजपा व सुशील कुमार मोदी पर जवाबी हमले के लिए तैयार किया है. राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज कुमार झा ने पटना में प्रेस कांफ्रेंस कर सुशील मोदी की संपत्ति की जांच कराने की मांग की है. हालांकि, राजद नेता व प्रवक्ता भाजपा नेता पर कोई भी सीधा आरोप नहीं लगा पाये. अलबत्ता सुशील मोदी ने शनिवार को कहा कि वह राजद प्रवक्त मनोज कुमार झा पर मानहानि का मुकदमा करेंगे.
सुशील मोदी का आरोप
1. रेल मंत्री के होने के दौरान रांची और पुरी के रेलवे के होटलाें को हर्ष कोचर नामक उद्योगपति को लीज पर देना और उसके एवज में दानापुर में उनकी दो एकड़ जमीन काे प्रेमचंद गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग के नाम 10 निबंधन से निबंधित कराना. इस कंपनी में प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता के नाम 70 प्रतिशत शेयर थे.
2. 2010 में डिलाइट कपंनी के सारे शेयर राबड़ी देवी के नाम कर दिये गये. इस कंपनी के अब निदेशक मंडल में राबड़ी देवी और उनके दो बेटे तेज
प्रताप यादव व तेजस्वी यादव के नाम शेयर हो गये. बेटियों के नाम भी शेयर खरीदे गये.
3. 12 नवंबर, 2016 को लारा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनायी गयी. 14 फरवरी, 2017 को इस कंपनी को लारा प्रोजेक्ट एसएसपी बनाया गया. आरोप है कि कालेधन को सफेद करने के लिए लालू परिवार ने यह कंपनी बनायी है.
4. बिहटा में कात्याल परिवार की बीयर फैक्ट्री को मदद करने के एवज में लालू परिवार को जमीन मिली है. अब इस फैक्ट्री के निदेशक मंडल में भी लालू परिवार के लोग हैं.
5. औरंगाबाद में लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने 2010 में सात लोगों से 53 लाख रुपये की जमीन खरीदी. उस समय तेज प्रताप की उम्र मात्र 20 वर्ष थी. इस जमीन पर दो करोड़ 29 लाख रुपये का कर्ज भी है. इतना पैसा वह कहां से लाये. जतीन खरीद और कर्ज की जानकारी चुनाव आयोग के शपथ पत्र में नहीं है.
6. दानापुर की माल की मिट्टी को संजय गांधी जैविक उद्यान में 90 लाख रुपये में बिक्री कर दी गयी. इसमें लालू प्ररिवार के करीबी को मिट्टी
भरायी का ठेका मिला. चालीस लाख रुपये इसके एवज में भुगतान भी कर दिये गये.
राजद का जवाब
1. रेलवे के होटलों का निजीकरण का आदेश अटल बिहारी बाजपेयी सरकार के दौरान लिया गया था. जमीन रजिस्ट्री होने के 22 महीने बाद होटल लीज पर दिये गये. इसमें भी मेरी कोई भूमिका नहीं थी.
2. राबड़ी देवी ने अपनी आमदनी से डिलाइट कंपनी के शेयर खरीदे हैं. उन्होंने अपनी शेयर में से तेज प्रताप और तेजस्वी यादव को दिया है. इस सबकी जानकारी आयकर और चुनाव आयोग के शपथ पत्र में दिया गया है.
3. जवाब: कोई गड़बड़ी नहीं की गयी है. कंपनी कानून और प्रावधानों का पालन किया गया है.
4. जवाब: आरोप निराधार है.
5. जवाब: कोई सटीक जवाब नहीं.
6. जवाब: दानापुर की माल की मिट्टी फुलवारीशरीफ और दानापुर के कब्रस्तानों को आपूर्ति की गयी हॅै. मिट्टी को बेचा नहीं गया है. जिस युवक को जैविक उद्योग में मिट्टी भरायी का ठेका मिला है उसे लालू प्रसाद के परिवार को दूर दूर तक कोई नाता नहीं है.