प्रदूषण रोकथाम की जिम्मेवारी डीएम से लेकर थाना प्रभारी तक

पटना : शहर में बढ़ते वायु और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार सजग है. वन एवं पर्यावरण विभाग नये तरीके से प्रदूषण को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है. अब तक प्रदूषण को नियंत्रित करने का जिम्मा प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को था. अब अन्य विभागों को भी इसकी जिम्मेवारी दी गयी है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 18, 2017 6:59 AM
पटना : शहर में बढ़ते वायु और ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए सरकार सजग है. वन एवं पर्यावरण विभाग नये तरीके से प्रदूषण को नियंत्रित करने की तैयारी कर रहा है. अब तक प्रदूषण को नियंत्रित करने का जिम्मा प्रदूषण नियंत्रण पर्षद को था. अब अन्य विभागों को भी इसकी जिम्मेवारी दी गयी है.
इसके लिए विभाग ने कमेटी बनायी है. इसके अंतर्गत ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम का जिम्मा जिलाधिकारी और थाना प्रभारी को दी गयी है. थाना प्रभारी अपने-अपने स्तर पर ध्वनि प्रदूषण की जांच कर प्रदूषण नियंत्रण को न केवल रिपोर्ट सौंपेगे, बल्कि कार्रवाई भी करेंगे. इनमें अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, नगर-निकाय, नगर आयुक्त अंचलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक व थानाध्यक्ष कमेटी में शामिल होंगे. वायु प्रदूषण को कम करने के लिए खान एवं भूतत्व विभाग, सभी जिलों के सहायक खनन पदाधिकारी, खनिज विकास पदाधिकारी क्षेत्रीय प्रदूषण बोर्ड के पदाधिकारी के रूप में काम करेंगे.
ऐसे करेंगे काम
ये कमेटी कभी भी किसी भी संस्थान का औचक निरीक्षण कर सकती है. निरीक्षण में गलत पाये जाने वाले लोगों या संस्था पर वन विभाग के अधिनियम के मुताबिक कार्रवाई की जायेगी. यहां तक की लाइसेंस तक रद्द करने का काम अब नामित पदाधिकारी कर सकेंगे.

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