पटना : जदयू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि तीन तलाक और समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर जारी बहस पर पार्टी ने अपना मत समय-समय पर स्पष्ट किया है. पार्टी अध्यक्ष व बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा विधि आयोग को लिखे पत्र में उठाये गये मुद्दों पर पार्टी पूर्णत: कायम है. उन्होंने कहा कि पार्टी देश में सकारात्मक बदलाव लाने के सभी प्रयासों का स्वागत करती है. वहीं, दूसरी तरफ धार्मिक मान्यताओं विशेष तौर पर अल्पसंख्यक समुदायों पर जबरन थोंपे जाने वाले ऐसे किसी प्रस्ताव पर अपनी घोर चिंता भी व्यक्त करती है. त्यागी ने कहा कि पार्टी का मानना है कि संविधान के अनु 44 के अंतर्गत समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए उचित कदम उठाये जाने चाहिए. हालांकि, ऐसे किसी भी परिवर्तन से पहले देश में एक आम सहमति बनाना बेहद आवश्यक है. बिना विस्तृत विचार-विमर्श और एकमत बनाये बगैर इसे थोपा नहीं जाना चाहिए.
ऐसा करना देश के संविधान में मिली हुई धार्मिक स्वतंत्रता में लोगों की मौजूदा आस्था को ठेस पहुंचाने वाला कदम साबित हो सकता है. जदयू का दृढ़ मत है कि समान नागरिक संहिता, तीन तलाक या धार्मिक मान्यताओं से जुड़े किसी भी मुद्दे पर उससे संबंधित हर पक्ष से रचनात्मक संवाद स्थापित करने के बाद ही ऐसा कोई कानून बने. इसलिए, देश के बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक प्रकृति को देखते हुए हम चाहते हैं की इन मुद्दों पर देश की संसद, राज्यों की विधान-सभाओं और नागरिक समाज में व्यापक बहस के बाद ही किसी प्रकार का कानून बने.
बेवजह तीन तलाक दिया तो सामाजिक बहिष्कार