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परीक्षार्थी कॉपी पर नाम-पता लिख अंक बढ़ाने की लगा रहे गुहार
पटना : सर, मेरा नाम सरिता कुमारी है. मैं मधेपुरा की रहनेवाली हूं. मैं पास नहीं करूंगी, तो मेरी शादी नहीं हो पायेगी. सर, मुझे पास करा दीजियेगा. आपको तो पता है चोरी नहीं करने दिया गया है. सर, मेरा नाम राहुल कुमार है. मैट्रिक तो जैसे-तैसे दो साल पहले पास कर गया. अगर इंटर […]
पटना : सर, मेरा नाम सरिता कुमारी है. मैं मधेपुरा की रहनेवाली हूं. मैं पास नहीं करूंगी, तो मेरी शादी नहीं हो पायेगी. सर, मुझे पास करा दीजियेगा. आपको तो पता है चोरी नहीं करने दिया गया है.
सर, मेरा नाम राहुल कुमार है. मैट्रिक तो जैसे-तैसे दो साल पहले पास कर गया. अगर इंटर में फेल हो जायेंगे, तो आगे नहीं पढ़ पायेंगे. सर, हम बहुत गरीब है. पढ़ने को पैसे नहीं है. नंबर दे दीजियेगा, ये सारी बातें उत्तर पुस्तिका में लिखी हुई परीक्षकों को मिल रही है. परीक्षार्थियों ने अपने नाम अौर पते के साथ परीक्षकों का पत्र लिखा है. भले बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने उत्तर पुस्तिका पर बार कोडिंग करके परीक्षार्थी के नाम और पते को गुप्त रखा है. लेकिन, कई परीक्षार्थी उत्तर पुस्तिका पर अपना नाम पता लिख कर परीक्षकों को बता रहे हैं कि वो किस जिले से हैं.
उत्तर से अधिक पत्र है लंबा : मूल्यांकन कर रहे परीक्षकों की मानें, तो कई काॅपी में तो उत्तर से अधिक पत्र की लंबाई है. परीक्षक शिवाजी शर्मा ने बताया कि कई कॉपी तो ऐसे भी मिले हैं, जिसमें पत्र की लंबाई उत्तर की लंबाई से अधिक है. कई परीक्षार्थियों ने तो पहले कॉपी पर पत्र ही लिखा है, बाद में उत्तर लिखना शुरू किया है. परीक्षक उर्मिला मिश्रा ने बताया कि परीक्षार्थियों ने काफी मार्मिक पत्र लिखे हैं.
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