पटना : राजदसुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने आज आरोप लगाया किसुप्रीमकोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआइ की याचिका मंजूर करने और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के आरोप को बहाल किया जाना आडवाणी का नाम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से काटे जाने के लिए प्रधानमंत्री की ‘एक सोची समझी राजनीति’ हिस्सा है.
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पटना में आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए लालू प्रसाद ने आरोप लगाया कि जबसे राष्ट्रपति पद के लिए आडवाणी के नाम की चर्चा शुरू हुयी है, सीबीआइ ने स्वयं सुप्रीम कोर्ट में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले का आडवाणी और अन्य के खिलाफ ट्रायल शुरू कराए जाने का आग्रह किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से आडवाणी का नाम काट दिए जाने के लिए यह नरेंद्र मोदी की ‘एक सोची समझी राजनीति’ का हिस्सा है.
अपने दलील को साबित करने के लिए लालू ने आरोप लगाया कि यह सर्वविदित है कि सीबीआइ वही करती है जो केंद्र सरकार चाहती है क्योंकि सीबीआइ केंद्र सरकार के अधीन आती है. लालू ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ खतरनाक राजनीतिक खेल खेलने में भाजपा अपने पराए के बीच भी कोई फर्क नहीं रखती.
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राजदप्रमुखसुप्रीमकोर्ट के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआइ की याचिका मंजूर करने और भाजपा के वरिष्ठ नेतागण लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र के आरोप को आज बहाल किए जाने पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे.
लालू प्रसाद ने चंपारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह के अवसर पर पूर्वी चंपारण जिला मुख्यालय मोतिहारी में भाजपा द्वारा ‘किसान कुंभ’ के आयोजन पर प्रहार करते हुए उसपर एक हाथ से गांधी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने तथा दूसरे हाथ से उनके हत्यारे नाथूराम गोड्से को सलामी देने का आरोप लगाया.