तीन घंटे घेरा डाकबंगला चौराहा, शहर जाम
पटना : विभिन्न मांगों को लेकर हजारों आंगनबाड़ी कर्मियों ने गुरुवार को प्रतिबंधित डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में सेविका-सहायिकाओं ने सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक डाकबंगला चौराहे को जाम रखा और अपनी मांगों के समर्थन में जम कर नारे लगाये. इससे भीषण जाम की स्थिति बन गयी. बाद […]
पटना : विभिन्न मांगों को लेकर हजारों आंगनबाड़ी कर्मियों ने गुरुवार को प्रतिबंधित डाकबंगला चौराहा पर प्रदर्शन किया. सैकड़ों की संख्या में सेविका-सहायिकाओं ने सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक डाकबंगला चौराहे को जाम रखा और अपनी मांगों के समर्थन में जम कर नारे लगाये. इससे भीषण जाम की स्थिति बन गयी. बाद में मुख्यमंत्री सचिवालय से मिले आश्वासन के बाद वे लोग डाकबंगला चौराहे से हटे. तमाम प्रदर्शनकारियों को यहां से गांधी मैदान लाया गया, जहां से उन्हें छोड़ दिया गया.
इधर, आंगनबाड़ी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने 15 नामजद और दो हजार अज्ञात लोगों के खिलाफ प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रदर्शन करने व सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है. साथ ही दस लोगों को हिरासत में लिया गया है. कोतवाली थानाध्यक्ष रामाशंकर प्रसाद ने प्राथमिकी के दर्ज किये जाने की पुष्टि की है. बिहार राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी यूनियन की अध्यक्ष चंद्रावती देवी ने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों को स्वयंसेवक का दर्जा दिया गया है, लेकिन चयनमुक्ति की तलवार उनपर हमेशा लटकी रहती है.
अध्यक्ष ने सवाल उठाया कि अगर पद स्वयंसेवक का है तो चयन रद्द क्यों किया जाता है? साथ ही उन्हें चुनाव लड़ने से भी रोका जाता है. ऐसे में उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा क्यों नहीं दिया जाता है?
घंटों तक फंसे रहे स्कूली वाहन
समस्या और गंभीर तब हो गयी जब इस दौरान स्कूलों में छुट्टी हुई. स्कूली बस घंटों जाम में फंसे रहे. राजापुर पुल रूट पर स्कूली बसों के फंसने से गलियों तक में जाम लगा रहा. गोलघर के पास जाम इतनी भीषण था कि ऑटोचालक उस रूट में जाने से परहेज कर रहे थे.
मांगपत्र सौंपा, तब हटीं
आंगनबाड़ी कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री के ओएसडी से मुलाकात करायी गयी. इस दौरान उन्होंने अपने मांग पत्र को सौंपा. उसके बाद प्रदर्शनकारी वहां से हटे.
आलोक कुमार, एसडीओ, पटना सदर