पटना में छापेमारी : कबाड़ी की दुकान और किराये के मकान में नकली दवा की फैक्टरी
पटना : पटना पुलिस और औषधि नियंत्रक विभाग ने शुक्रवार को नकली व अवैध दवाओं के खिलाफ अभियान चलाया. इस दौरान राजधानी के कदमकुआं, पत्रकार नगर, बहादुरपुर, आलमगंज सहित कई थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर करीब तीन करोड़ की नकली दवाएं बरामद की गयीं. मौके तीन धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो नालंदा और […]
पटना : पटना पुलिस और औषधि नियंत्रक विभाग ने शुक्रवार को नकली व अवैध दवाओं के खिलाफ अभियान चलाया. इस दौरान राजधानी के कदमकुआं, पत्रकार नगर, बहादुरपुर, आलमगंज सहित कई थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर करीब तीन करोड़ की नकली दवाएं बरामद की गयीं.
मौके तीन धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दो नालंदा और एक पूर्णिया का रहनेवाला है. पूछताछ में इन लोगों ने यह जानकारी दी है कि ये लोग काफी दिनों से इस धंधे में हैं और इन दवाओं को ग्रामीण इलाकों में खपाते हैं.
छापेमारी के दौरान कहीं किराये पर मकान लेकर, तो कहीं कबाड़ी की दुकान में नकली दवाएं बनाये जाने का खुलासा हुआ. इन जगहों पर भारी मात्रा में विभिन्न ब्रांडेड कंपनियों के टैबलेट, सीरप, इंजेक्शन, खाली डिब्बे व रैपर बरामद किये गये हैं. नकली और एक्सपायरी दवाओं का गोरखधंधा करनेवाला मास्टरमाइंड बिट्टू व रमेश पाठक फिलहाल फरार हैं. उनको पकड़ने के लिए पुलिस ने कंकड़बाग की पीआइटी कॉलोनी और संदलपुर स्थित उनके आवासों पर छापेमारी भी की.
एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि भारी मात्रा में नकली दवाएं बरामद की गयी हैं. बाजार में इनकी कीमत करोड़ों में है. पुलिस ने बरामद दवाइयों को औषधि नियंत्रक विभाग के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए सौंप दिया है.
विशेष टीम ने की छापेमारी
एसएसपी मनु महाराज को गुप्त सूचना मिली कि कदमकुआं थाने के बंगाली अखाड़ा में अवैध दवाओं का कारोबार किया जा रहा है. इसके बाद कदमकुआं के थानाध्यक्ष गुलाम सरवर की टीम ने छापेमारी कर एक मकान के फ्लैट से भारी मात्रा अवैध दवाएं बरामद कीं. इसमें कई नामी कंपनियों की दवाएं थीं. खास बात यह है कि इन दवाओं पर अंकित बैच नंबर, एक्सपायरी डेट को मिटाया गया था. यहां से पुलिस ने करीब तीन लाख की दवाएं बरामद कीं और एक धंधेबाज रविशंकर को गिरफ्तार कर लिया और फिर उसकी निशानदेही पर उसके स्टाफ अमित कुमार को पकड़ा. ये लोग एक्सपायरी दवाओं का खेल खेलते थे.
आमतौर पर लोग दवाओं के डिब्बों पर लिखे एक्सपायरी डेट को ही देखते हैं, वे टेबलेट के स्ट्रिप पर अंकित एक्सपायरी डेट को नहीं देखते हैं. साथ ही स्ट्रिप पर अंकित एक्सपायरी डेट इतने छोटे होते हैं कि आसानी से दिखते भी नहीं हैं. ये लोग इसका फायदा उठा कर नकली डिब्बा बनवा कर उसमें नयी एक्सपायरी डेट अंकित कर टेबलेट की स्ट्रिप डाल कर बाजार में बिक्री कर देते हैं. बरामद दवाओं में सीरप, इंजेक्शन व टेबलेट थे. फिलहाल इन दवाओं को जांच के लिए लेबोरेटरी में भेजा जायेगा.
जीएम रोड स्थित दुकान में भी छापेमारी
कदमकुआं के बंगाली अखाड़ा व पत्रकार नगर के रिहायशी इलाकों में किराये पर मकान लेकर नकली दवाएं बनायी जा रही थीं. बहादुरपुर व आलमगंज में कबाड़ी की दुकान से लाखों की दवाएं मिली हैं. साथ ही कदमकुआं इलाके से रविशंकर और अमित को गिरफ्तार किया गया है. ये दोनों नालंदा के रहनेवाले हैं. रविशंकर के गोविंद मित्रा रोड स्थित आदित्य फार्मा में भी छापेमारी की गयी, जहां से लाखों की एक्सपायरी दवाएं बरामद की गयीं. मालूम हो कि गोविंद मित्रा रोड राज्य की सबसे बड़ी दवा मंडी है. यहां से पूरे राज्य और नेपाल तक दवाओं की सप्लाइ होती है.
पत्रकार नगर में पकड़ी गयीं नकली दवाएं
पत्रकार नगर थाने के सीआइटी नगर इलाके में पुलिस ने अमित कुमार के मकान में छापेमारी की और वहां से नकली दवाएं बरामद कीं. वहां से केमिकल, रैपर, खुला इंजेक्शन आदि बरामद किये गये हैं. साथ ही कई ब्रांडेड कंपनियों के टेबलेट व सीरप को भी बरामद किया गया है.
इसमें भी कई दवाएं ऐसी बरामद की गयी हैं, जो एक्सपायर हो चुकी थीं. जानकारी के अनुसार यहां से 15 लाख से अधिक की कीमत की दवाएं बरामद की गयी हैं. ये सारी दवाएं पूरे कमरे में फैली हुई थीं. पकड़े गये तीनों लोगों से पूछताछ के बाद मिली जानकारी के आधार पर आलमगंज और बहादुरपुर के संदलपुर में छापेमारी की गयी, जहां से नकली और एक्सपायरी दवाएं बरामद की गयीं. अमित पूर्णिया का रहनेवाला है.
आलमगंज से नकली और एक्सपायरी दवा बरामद
आलमगंज थाने के बिस्कोमान गोलंबर के पास स्थित प्यारे लाल के बाग इलाके में स्थित रमेश पाठक के किराये के मकान में छापेमारी की गयी. इसके बाद वहां पांच कमरों में तलाशी के दौरान लाखों रुपये की नकली व एक्सपायरी दवाएं बरामद की गयीं. दवाओं में एक्सपायरी होने की बात स्पष्ट दिख रही थी, तो कई दवाओं में उसकी एक्सपायरी डेट को बढ़ायी गयी थी.
एक्सपायरी दवाओं का डेट बढ़ा कर बेचने का चल रहा था खेल
पुलिस ने संदलपुर के बिट्टू की कबाड़ी की दुकान में छापेमारी की, तो सबसे अधिक नकली व एक्सपायरी दवाएं बरामद की गयीं, जो लाखों में हैं. ये सभी दवाएं बोरियों में बांध कर रखी गयी थीं और उन्हें जगह-जगह पर बने अड्डों पर पहुंचाया जा रहा था, ताकि वहां से फिर दवाओं पर नया डेट लगा कर उन्हें बाजार में भेजा जा सके. बिट्टू व रमेश पाठक एक्सपायरी दवाओं को रद्दी के भाव में खरीद लेते थे. कदमकुआं, पत्रकार नगर व आलमगंज में जो दवाएं पकड़ी गयीं, वे सब बिट्टू व रमेश से ली गयी थीं और रिमॉडलिंग कर बाजार में बेची जाती थीं.
हर साल Rs 10 करोड़ की नकली दवा गटक जाते हैं हम :
बरामद दवाएं इन कंपनियों की : एबोट, ओटसिरा, एल्केम,
ये दवाएं बरामद : मोनोपोड, मोनोसेफ, मॉक्स, फ्यूरॉय, मैपडॉक्स, ट्रीमॉक्स 625, फिनेक्स, आइसीन इंजेक्क्शन.
यहां छापे : बंगाली अखाड़ा, गोविंद मित्रा रोड, पत्रकार नगर, बहादुरपुर, आलमगंज