दो साल में बिजली की खपत होगी दोगुनी
बिजली कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र से अनुरोध करेगा बिहार पटना : राज्य में अगले दो साल में बिजली की खपत दोगुनी हो जायेगी. इसलिए राज्य सरकार केंद्र से मौजूदा कोटा 2942 मेगावाट को बढ़ा कर 5100 मेगावाट करने की मांग करेगी. अभी राज्य में बिजली की खपत करीब चार हजार मेगावाट है. 2018-19 में […]
बिजली कोटा बढ़ाने के लिए केंद्र से अनुरोध करेगा बिहार
पटना : राज्य में अगले दो साल में बिजली की खपत दोगुनी हो जायेगी. इसलिए राज्य सरकार केंद्र से मौजूदा कोटा 2942 मेगावाट को बढ़ा कर 5100 मेगावाट करने की मांग करेगी. अभी राज्य में बिजली की खपत करीब चार हजार मेगावाट है. 2018-19 में यह आठ हजार मेगावाट से अधिक हो जायेगी. बिजली कंपनी इसकी तैयारी में जुट गयी है. राज्य सरकार ने लक्ष्य तय कर रखा है कि 2017 तक सभी गांवों में और 2018 तक सभी घरों में बिजली पहुंचानी है. राज्य सरकार सातों दिन 24 घंटे बिजली आपूर्ति के कंसेप्ट पर काम कर रही है.
राज्य में बेहतर बिजली आपूर्ति से इसकी खपत भी बढ़ी है. अभी औसतन रोजाना 4000 मेगावाट बिजली की खपत है. बिजली के लिए बिहार सेंट्रल पूल और बाजार पर निर्भर है. राज्य का अपना उत्पादन मामूली है. इसलिए बिजली की बढ़ती मांग पूरी करने में बिजली कंपनी और ऊर्जा विभाग जुट गया है. अभी राज्य को सेंट्रल पूल से 2942 मेगावाट बिजली आवंटित है, लेकिन औसतन 2000 से 2200 मेगावाट बिजली ही मिलती है. बाजार से रोजाना औसतन हजार मेगावाट बिजली की खरीद होती है.
राज्य की अपनी उत्पादन इकाइयों में उत्पादन काफी कम है. कभी उत्पादन होता है, कभी नहीं. चालू वित्तीय वर्ष में इस स्थिति से उबरने के प्रयास में बिजली कंपनी लगी है. कांटी में तीन और बरौनी में एक यूनिट कहने को तो चालू है, लेकिन कभी इसमें उत्पादन होता है, कभी नहीं. कांटी की एक यूनिट पिछले चार महीने से बंद है. बिजली कंपनी के एसेसमेंट में यह बात सामने आयी है कि 2018-19 तक राज्य में बिजली की खपत 8000 मेगावाट तक हो जायेगी.