पटना : एक जुलाई से पूरे देश में जीएसटी लागू होने जा रहा है. चूंकि बिहार एक उपभोक्ता (कंज्यूमर) प्रधान राज्य है, इसलिए प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक जीएसटी से राज्य सरकार कर राजस्व में 8-10 करोड़ की बढ़ोतरी होगी. वर्ष 2016-17 में राज्य सरकार को टैक्स से करीब 87 हजार करोड़ (58 हजार करोड़ केंद्रीय करों में हिस्सा व 29 हजार कराेड़ राज्य सरकार का अपना कर संग्रह) की आय हुई थी.
इस तरह जीएसटी लागू होने से राज्य सरकार की आय में करीब 11.5% की वृद्धि हो सकती है. हालांकि, इसके लागू होने के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा. वहीं, उपभोक्ताओं को भी सामान खरीदने में कम टैक्स देना पड़ेगा.
‘वन नेशन, वन टैक्स और वन बिजनेस’ की परिकल्पना को साकार करनेवाले इस टैक्स की मूल अवधारणा उपभोक्ता और सामान की अधिक खपत करने को लेकर है. यानी जहां ज्यादा सामान की खपत होगी, वहां (राज्य को) टैक्स का शेयर भी ज्यादा मिलेगा. राज्य में उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा है.
पहले राज्य के बाहर से सामान खरीद कर यहां लाने पर राज्य को टैक्स का नुकसान हो जाता था. ऑनलाइन सामान की खरीदारी करने पर भी राज्य को टैक्स शेयर नहीं मिलता था, क्योंकि खरीदारी दूसरे राज्यों से होती थी. जीएसटी लागू होने के बाद जहां का डिलेवरी एड्रेस होगा, उस राज्य को भी टैक्स का शेयर चला जायेगा.
इसलिए होगा बिहार को फायदा
बिहार को सबसे ज्यादा फायदा कर चोरी रुकने से होगा. साथ ही ऑनलाइन मार्केटिंग या दूसरे राज्य से किसी तरह का सामान खरीद कर बिहार में लाया जाता है, तो उसका टैक्स अभी राज्य सरकार को नहीं मिल पाता है. लेकिन जीएसटी लागू होने से ऐसा नहीं हो सकेगा. किसी दूसरे राज्य में सामान खरीदने पर अगर कोई व्यक्ति बिहार का अपना पता देता है, तो उसका टैक्स शेयर बिहार के वाणिज्यकर खाते में स्वत: पहुंच जायेगा. इसके लिए पूरी तरह से ऑनलाइन जीएसटी प्रणाली तैयारी की गयी है, जिसका कंट्रोल या सर्वर जीएसटी मुख्यालय यानी वित्त मंत्रालय में होगा.
बिहार के बाहर भी कोई माल खरीदने पर राज्य को उसकी उचित हिस्सेदारी मिल जायेगी. इसके अलावा अगर कोई व्यापारी राज्य के बाहर व्यापार करता है या बाहर माल भेजता या बाहर के बिल पर माल मंगवाता है. तब भी बिहार का पता इंट्री करने पर उसका टैक्स राज्य के खाते में खुद-ब-खुद चला आयेगा. यह देश के किसी कोने में रहने से ऐसा होगा. इस तरह राज्य को टैक्स का शेयर यहां किसी रूप में माल लाने पर होगा.
खत्म हो जायेंगे सभी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष कर
बिहार जैसे उपभोक्ता प्रधान राज्य को जीएसटी से काफी बड़ा फायदा होगा. लोगों को सामान खरीदने में कम टैक्स देना होगा. वर्तमान में लगनेवाले कई तरह के अप्रत्यक्ष टैक्स समाप्त हो जायेंगे. मसलन, वर्तमान में किसी सामान पर उसके उत्पादन से वितरण तक में कई तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स लगते हैं. इनमें केंद्रीय सर्विस टैक्स, उत्पाद, सेंट्रल वैट फिर राज्य का वैट समेत अन्य टैक्स लगते हैं. इस तरह अभी सभी टैक्सों को जोड़ने पर करीब 40% टैक्स लगता है.
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जीएसटी से बिहार को 10,000 करोड़ रुपये का होगा फायदा
जीएसटी लागू होने के बाद यह घट कर करीब आधा यानी 20% के आसपास हो जायेगा. साथ ही सभी तरह के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष टैक्स को मिला कर सिर्फ एक जीएसटी लगेगा. इस तरह लोगों को कई चरणों पर नहीं, बल्कि एक ही स्थान पर टैक्स देना पड़ेगा. बिहार जैसे उपभोक्तावादी राज्य के लोगों के लिए यह काफी फायदेमंद होगा. टैक्स कम होने से सामान सस्ता हो जायेगा.
ऐसे होगा बिहार को लाभ
ऑनलाइन खरीदारी पर टैक्स कहीं भी संग्रहित हो, यदि उपभोक्ता बिहार का है, तो वह टैक्स राज्य को मिलेगा सेवाओं पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को िमलेगा इससे टेलीकॉम, बैंकिंग, बीमा, अन्य वित्तीय सेवाएं, रेल व सड़क परिवहन जैसी सेवाओं पर राज्यों को अतिरिक्त राजस्व मिलेगा कॉमन पोर्टल पर व्यवसायियों को विवरणी दाखिल करने की बाध्यता से इंट्री टैक्स की चोरी की संभावना खत्म हो जायेगी
अलग रहेगा पेट्रोल,डीजल, वैज्ञानिक ईंधन, मानव उपयोगी शराब व रियल स्टेट
वाणिज्यकर मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने सदन में बताया कि इस जीएसटी से छह प्रकार की वस्तुओं को अलग रखा गया है. इनमें पेट्रोल, डीजल, वैज्ञानिक ईंधन, मानव उपयोगी शराब और रियल स्टेट शामिल हैं. इन वस्तुओं पर राज्य सरकार समय-समय पर टैक्स घटा या बढ़ा सकती है.