दिल्ली एमसीडी चुनाव नतीजों के बीच बिहार में राजनीति तेज, राजद नेता ने दिया बड़ा बयान

पटना : दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ होते दिख रहा है. वहीं एमसीडी चुनाव के जैसे-जैसे नतीजे आ रहे हैं, बिहार का सियासी पारा भी गरम हो रहा है. चुनाव नतीजों के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जबतक अलग-अलग लड़ेंगे यही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 26, 2017 12:54 PM

पटना : दिल्ली एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी का सूपड़ा साफ होते दिख रहा है. वहीं एमसीडी चुनाव के जैसे-जैसे नतीजे आ रहे हैं, बिहार का सियासी पारा भी गरम हो रहा है. चुनाव नतीजों के बीच राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि जबतक अलग-अलग लड़ेंगे यही हाल होगा. हम एकता की पहल करते रहेंगे. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दूसरी ओर राजद विधायक भाई वीरेंद्र की ओर से जदयू पर तंज कसते हुए कहा गया है कि जदयू द्वारा बिहार की जनता का पैसा दिल्ली में लुटाया गया है. चुनाव नतीजों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जितन राम मांझी ने नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार वार्ड का चुनाव जीत नहीं सकते, लेकिन सपना देखते हैं प्रधानमंत्री बनने का.

जदयू ने दी सफाई

गौरतलब हो कि एमसीडी चुनाव में सुबह से गिनती जारी है और शीर्ष पार्टी बीजेपी बनी हुई है. कांग्रेस और आप हासिए पर दिख रही हैं. वोटिंग की गिनती के बीच बिहार में बयानबाजी का दौर जारी हो गया है. नतीजों के रुझान सामने आने के बाद जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि दिल्ली एमसीडी चुनाव नतीजों से निराश होने की जरूरत नहीं है. बल्कि, सीख लेने की जरूरत है. वशिष्ठ नारायण सिंह ने सभी पार्टियों को मतभेद भुलाकर आपस में समन्वय करने की बात कही. उन्होंने कहा कि देश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो सबको एक साथ लेकर चल सके.

केजरीवाल पर हमला

दूसरी ओर राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल अपनी करनी का खामियाजा भुगत रहे हैं. एमसीडी चुनाव नतीजों के बाद लगता है बिहार में महागठबंधन में घमसान मच गया है. जदयू के नेता श्याम रजक ने कहा कि दिल्ली एमसीडी चुनाव नतीजों से अब सबको सबक लेने की जरूरत है, सबको एक साथ आना होगा. जहां-जहां सब अलग-अलग चुनाव लड़े हैं, वहां सबको हार का मुंह देखना पड़ा है.

यह भी पढ़ें-
जानिए प्रचंड जीत के बाद भी जश्न क्यों नहीं मना रही है भाजपा

Next Article

Exit mobile version