नदी क्षेत्र के 100 गांवों में दो माह में बिजली
पटना, छपरा, सहरसा और खगड़िया जिलों को होगा लाभ, टावर बनकर तैयार पटना : राज्य के चार जिलों पटना सहित छपरा, सहरसा व खगड़िया के नदी और दियारा क्षेत्र के एक सौ गांवों में दो महीने यानी जून तक बिजली पहुंच जायेगी. गांवों के भीतर भी बिजली संरचनाओं को खड़ा क्या जा रहा है. नदी […]
पटना, छपरा, सहरसा और खगड़िया जिलों को होगा लाभ, टावर बनकर तैयार
पटना : राज्य के चार जिलों पटना सहित छपरा, सहरसा व खगड़िया के नदी और दियारा क्षेत्र के एक सौ गांवों में दो महीने यानी जून तक बिजली पहुंच जायेगी. गांवों के भीतर भी बिजली संरचनाओं को खड़ा क्या जा रहा है. नदी के पास टावर बनकरतैयार हो गये हैं. गांवों के भीतर तारऔर पोल लगाने का काम भी शुरू हो गया है. केंद्रीय एजेंसी रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन (आरइसी) भी योजना की प्रगति पर नजर रखे हुए है. उनके भी इंजीनियर स्थल पर जाकर योजनाओं मॉनीटरिंग कर रहे हैं. राज्य सरकार ने इस साल के अंत तक सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य तय कर रखा है. अब लगभग 500 गांवों में बिजली पहुंचाना शेष रह गया है. ऑफग्रिड गांवों में भी बिजली पहुंचाने का काम शुरू हो गया है.
बिजली सात निश्चय में शामिल है. राज्य के सूदूरवर्ती गांवों में जिन जगहों पर तार-पोल से बिजली नहीं पहुंच सकती है, वहां आॅफग्रिड बिजली पहुंचेगी. आॅफग्रिड बिजली चंपारण व कोसी के जंगली क्षेत्र तथा कोसी इलाके के नदी के पेट में बसे गांवों में बिजली पहुंचेगी.
इसके अलावा पटना. छपरा, सहरसा व खगड़िया के दियारा और नदी के भीतरी इलाके में टावर के जरिए बिजली पहुंचायी जायेगी. नदी क्षेत्र के लगभग 100 गांव में टावर के जरिए बिजली पहुंचायी जायेगी.
ग्रिड से बिजली टावर के जरिये पहुंचेगी और फिर सब स्टेशन के जरिये विभिन्न क्षेत्रों में लोगों के बिजली के घरों तक पहुंचेगी. इसके लिए 30 टावर का निर्माण किया गया है. एक टावर के निर्माण पर 30 से 35 लाख का खर्च आया है. नदी क्षेत्र के गांवों की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां पर पोल के जरिये बिजली नहीं पहुंच सकती थी. इसके लिए टावर का निर्माण आवश्यक था. पटना व छपरा जिले के इन गांवो की दूरी राजधानी पटना से चंद किलोमीटर है.
लेकिन, यहां अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी. अब इन गांवों के लोगों को भी उम्मीद है कि इनके घरों तक भी बिजली जल्द पहुंच जायेगी.
साल के अंत तक ऑफग्रिड गांवों में भी बिजली : राज्य के दौ सो से अधिक गांवों मे इस साल के अंत तक बिजली पहुंच जायेगी. इसमें अधिकतर गांव चंपारण और कैमूर के जंगली इलाकों में हैं. यहां पर सोलर ऊर्जा के जरिए बिजली पहुंचायी जायेगी. एलएंडटी कंपनी इस काम में लगी है.