मिट्टी घोटाला : एक फर्जी कंपनी में सुशील मोदी ने निवेश किये करोड़ों रुपये : राजद

पटना : राजद प्रवक्ता मनोज झा ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी पर अवैध संपत्ति को लेकर दूसरा बड़ा आरोप लगाया है. राजद के प्रदेश कार्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कोलकाता के पते पर 512 करोड़ की आशियाना लैंडक्रॉफ्ट रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2017 6:36 AM
पटना : राजद प्रवक्ता मनोज झा ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सुशील कुमार मोदी पर अवैध संपत्ति को लेकर दूसरा बड़ा आरोप लगाया है. राजद के प्रदेश कार्यालय में बुधवार को आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि कोलकाता के पते पर 512 करोड़ की आशियाना लैंडक्रॉफ्ट रियलिटी प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी है, जिसमें सुशील मोदी के करोड़ों रुपये निवेश हैं.
इस कंपनी में उनके भाई आरके मोदी और दोनों भतीजे निदेशक हैं. जबकि, मनी लॉड्रिंग माफिया ललित छावछरिया इस कंपनी में एमडी हैं. आशियाना होम्स समेत अन्य कंपनियां भी इसमें सहयोगी कंपनियां हैं, जो इसमें शेयर होल्डर हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले की जांच कराने की मांग की. 512 करोड़ की इस फर्जी कंपनी का सालाना टर्नओवर शून्य है. फिर भी इस कंपनी ने 186 करोड़ का कर्ज दूसरी कंपनी को दे रखा है. इस कंपनी का 259 करोड़ का विभिन्न क्षेत्रों में निर्माण कार्य भी चल रहा है. इन सभी प्रोटेक्ट में 30 प्रतिशत कार्य भी पूरे नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि मनी लॉड्रिंग करने के लिए तैयार की गयी इन कंपनियों का मकड़जाल एक बारुदी सुरंग जैसा है, अगर जांच शुरू की जाये, तो एक विस्फोट जैसा होगा.
175 करोड़ कैसे खर्च किया बताएं मोदी : जगदानंद
राजद के वरिष्ठ नेता व पूर्व वन एवं पर्यावरण मंत्री जगदानंद सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी से अपने मंत्रित्वकाल में बिना टेंडर प्रक्रिया के 175 करोड़ रुपये कैसे खर्च कर दिये, पर चुप्पी तोड़ने की मांग की है. सिंह ने कहा कि वह एक नागरिक की हैसियत से यह सवाल कर रहे हैं.
नौ लाख की मिट्टी भराई मामले में अधिकारियों ने पूरी तहकीकात कर यह कहा है कि मिट्टी भराई प्रक्रिया में कोई गलती नहीं हुई है. सिंह ने कहा कि किसी भी काम के लिए टेंडर करने से रोका नहीं जा सकता, लेकिन टेंडर करना ही है, यह वन एवं पर्यावरण विभाग में कहीं नहीं लिखा है.

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