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पांच गुणक मतलब पांच गुना लगान नहीं
जमीन संबंधी विवाद के मामले में नियमों का हो पालन पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग द्वारा भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं की राज्यस्तरीय समीक्षात्मक बैठक में जमीन संबंधी विवाद के मामले में नियमों का पालन प्रमुखता से करने की बात कही गयी. जमीन की रजिस्ट्री, बदले में दी गयी जमीन, दान में जमीन का हस्तांतरण, […]
जमीन संबंधी विवाद के मामले में नियमों का हो पालन
पटना : राजस्व व भूमि सुधार विभाग द्वारा भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं की राज्यस्तरीय समीक्षात्मक बैठक में जमीन संबंधी विवाद के मामले में नियमों का पालन प्रमुखता से करने की बात कही गयी. जमीन की रजिस्ट्री, बदले में दी गयी जमीन, दान में जमीन का हस्तांतरण, भूदान यज्ञ कमेटी से दी गयी जमीन आदि को लेकर विवादित जमीन के मामले में एक्ट का अनुपालन हुआ है. इसे विशेष रूप से देख कर ही कोई आदेश पारित होना चाहिए. गुरुवार को शास्त्रीनगर स्थित राजस्व व भूमि सुधार विभाग के प्रशिक्षण संस्थान भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं की बैठक हुई.
बैठक के दौरान बेगूसराय जिले के गढ़पुरा में किसानों से जमीन का लगान कुल 36 रुपये की जगह उससे पांच गुना लगान 180 रुपये लिये जाने का मामला उठा. इस पर भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं को कहा गया कि लगान पांच के गुणक में लेने का यह मतलब नहीं कि लगान की राशि का पांच गुना लिया जाये. पांच गुणक का मतलब है कि किसी जमीन का लगान एक पैसे से लेकर चार रुपये 99 पैसे हो तो उसे पांच रुपये लिये जायें.
36 रुपये लगान की राशि होने पर उससे 40 रुपये लिया जा सकता है. असर्वेक्षित जमीन में किसी के नाम से खाता नहीं खुला है तो वह जमीन सरकार की होगी. जमीन विवाद मामले में जमाबंदी जिसके नाम से उसे डिग्री मिलेगी. सिविल कोर्ट से उस मामले में जो आदेश पारित होगा उसमें संशोधन होगा.
बदले में दी गयी जमीन, दान में मिली जमीन का का रजिस्ट्री होना अनिवार्य है. बिना किसी साक्ष्य का जमीन का खाता नहीं खुलेगा. बैठक में भूमि सुधार उपसमाहर्ताओं ने जमीन संबंधी विवाद के मामले से संबंधित नियमों के बारे में जानकारी प्राप्त की.
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