ढाई दर्जन से अधिक झोंपड़ियां राख

फुलवारीशरीफ : फुलवारीशरीफ से होकर गुजर रही रेलवे लाइन किनारे गुरुवार झोंपड़पट्टी में लगी भीषण आग में ढाई दर्जन से अधिक झोंपड़ियां जल कर राख हो गयीं. अगलगी में एक महिला और एक पुरुष मिथुन चौधरी समेत दो लोग झुलस गये, जबकि दो गायें,बछड़ा व एक बकरी आग की भेंट चढ़ गये. इस भीषण अगलगी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 28, 2017 7:23 AM
फुलवारीशरीफ : फुलवारीशरीफ से होकर गुजर रही रेलवे लाइन किनारे गुरुवार झोंपड़पट्टी में लगी भीषण आग में ढाई दर्जन से अधिक झोंपड़ियां जल कर राख हो गयीं. अगलगी में एक महिला और एक पुरुष मिथुन चौधरी समेत दो लोग झुलस गये, जबकि दो गायें,बछड़ा व एक बकरी आग की भेंट चढ़ गये. इस भीषण अगलगी में पचास लाख से अधिक की संपत्ति का नुकसान हुआ है.
आग लगते ही मची भगदड़ और लोगों के चीत्कार से पूरे इलाके में कोहराम मच गया. रह-रह कर फटे छोटे पांच सिलिंडरों के धमाके से हालत बेकाबू होता गया और देखते-ही-देखते ढाई दर्जन से अधिक परिवारों के अरमान आग में जल कर राख हो गये. रेलवे लाइन किनारे झाड़ियों के बीच जहां झोंपड़पट्टी में आग लगी वहां दमकल गाड़ियों को काफी मशक्कत के बाद किसी तरह पुलिस ने पहुंचाया तब जाकर आग पर पूरी तरह काबू पाया जा सका. अगलगी में किसी के सपने, तो किसी के घर शादी की तैयारियों पर पानी फिर गया.
प्रशासन के प्रति लोगों में भारी गुस्सा का आलम दिखा क्योंकि सूचना देने के काफी देर बाद दमकल की गाड़ियां पहुंचीं तब तक सब कुछ राख हो चुका था. पुलिस इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार ने किसी तरह झाड़ियों के बीच से पुलिस के जवानों की मदद से दमकल के आने का रास्ता बनाया तब जाकर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंच सकीं. क्विक मोबाइल के जवानों के साथ ही सभी पुलिस के जवान दौड़-भाग कर आग बुझाने का अथक प्रयास करते रहे.
वहीं, चापाकल से पानी चला कर आग बुझाने का भरसक प्रयास भी लोग करते रहे, लेकिन कुछ भी बचा पाने में असफल रहे. मिथुन चौधरी का आग के बीच से सामान निकालने में दोनों हाथ झुलस गया. उसे पीएमसीएच भेजा गया, जबकि एक महिला समेत अन्य घायलों का इलाज स्थानीय स्तर पर कराया जा रहा है. दानापुर सीओ महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि तत्काल 98 सौ नकद और पॉलीथिन सीट की सरकारी सहायता दी जा रही है.
…अब कैसे होगी पिंकी की शादी, जल गया सब कुछ
अगलगी में एक गरीब परिवार की बेटी के हाथ पीले करने के अरमान भी जल कर राख हो गये. सुरेश चौधरी की पत्नी बार-बार बेहोश हुए जा रही थी. कभी वह अपने जले आशियाने के राख के ढेर को देखती, तो कभी अपनी बेटी को गले लिपट कर बिलखने लगती.सुरेश चौधरी बिलखते हुए कह रहे थे अब कईसे होतई बेटिया के बियाह. सुरेश चौधरी की बेटी पिंकी की शादी की सारी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी थीं. घर में बेटी के शादी के गहने और देहज के लिए कीमती सामान बड़ी ही मेहनत से जुटाये गये थे. पिंकी की शादी बभनपुरा में तय हो गयी थी.शादी के लिए नब्बे हजार नकद और एक से डेड़ लाख के गहने व अन्य कीमती सामान आग में जल कर राख हो गये.
दो गायों के सहारे बसंती देवी का चल रहा था परिवार : बसंती देवी का परिवार किसी तरह अपनी जीविका चला रहा था. बार-बार बेहोश हुए जा रही बसंती देवी होश में आते ही रट लगाने लगती कि अब कईसे चलईबई घरवा हे देवी मईया…दुनो गईया बछड़ा जल के मर गेलई हे राम.

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